पटियाला डीसी ने तहसीलदार दफ्तर से मांगी रिपोर्ट
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पटियाला डीसी ने तहसीलदार दफ्तर मांगी रिपोर्ट

प्राइवेट एजेंट की मौजूदगी से मचा हड़कंप, एफसीआर ने जांच और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया…..

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पटियाला जिला प्रशासन के तहसीलदार कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया जब एक प्राइवेट एजेंट को काम करते हुए पाया गया। इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और डीसी ने तत्काल रिपोर्ट तलब कर ली। यह घटना सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है कि आखिर किस तरह से निजी लोगों को सरकारी कार्यों में दखल की इजाजत दी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, जब अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां एक निजी एजेंट दस्तावेजों के कार्य में सक्रिय पाया गया। यह नजारा देखकर विभाग के कई कर्मचारी भी सकते में आ गए। सरकारी दफ्तरों में लंबे समय से लोगों को शिकायत रहती है कि बिना बिचौलियों के उनका काम नहीं होता, लेकिन इस घटना ने उन शिकायतों को और मजबूत कर दिया है।

जैसे ही यह मामला सामने आया, प्रशासन ने इसे बेहद गंभीरता से लिया। फाइनेंशियल कमिश्नर (रेवेन्यू) वी. वर्मा ने कहा कि सरकारी कामकाज में किसी भी निजी एजेंट की भूमिका बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि अगर कहीं भी खामी मिलती है तो उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

वर्मा ने यह भी स्वीकार किया कि प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मामले में पूरी जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। डीसी द्वारा मांगी गई रिपोर्ट से यह साफ हो जाएगा कि एजेंट किसकी अनुमति से या किसकी लापरवाही की वजह से सरकारी कामकाज में शामिल हुआ।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अक्सर सरकारी दफ्तरों में काम करवाने के लिए निजी एजेंटों की मदद लेनी पड़ती है, क्योंकि सीधी प्रक्रिया या तो जटिल होती है या उसमें काफी समय लगता है। हालांकि, यह व्यवस्था कहीं न कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है और आम लोगों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं।

यह घटना सरकार और प्रशासन दोनों के लिए चेतावनी है कि यदि जल्द ही ऐसे मामलों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो लोगों का विश्वास सरकारी तंत्र से उठ जाएगा। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना ही इसका एकमात्र समाधान है।

अब नजरें डीसी द्वारा मांगी गई रिपोर्ट और उसके आधार पर होने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं। जनता चाहती है कि दोषी कर्मचारियों पर सख्त कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

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