पंजाब स्वास्थ्य विभाग का बठिंडा अस्पताल में औचक निरीक्षण
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पंजाब: सिविल अस्पताल बठिंडा में सेहत विभाग के निदेशक का औचक दौरा

दवाई वितरण में लापरवाही पर जताई नाराजगी

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बठिंडा(पंजाब): पंजाब स्वास्थ्य विभाग के निदेशक अनिल कुमार गोयल ने हाल ही में सिविल अस्पताल बठिंडा का औचक दौरा कर वहां की दवाई वितरण व्यवस्था की सच्चाई उजागर की। डेंगू के खतरे को देखते हुए राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण चल रहा है, जिसमें बठिंडा के अस्पताल का दौरा इसी योजना के तहत हुआ। निदेशक गोयल ने अस्पताल की खिड़की से स्वयं दवाई मांगने की पहल की ताकि मरीजों को हो रही समस्याओं का सही अनुभव कर सकें। दवाइयां उपलब्ध होने के बावजूद, उन्हें अस्पताल के स्टाफ ने यह कहकर मना कर दिया कि दवाइयां खत्म हो चुकी हैं।

औचक निरीक्षण से अस्पताल में मची हलचल:
पंजाब स्वास्थ्य विभाग के निदेशक अनिल कुमार गोयल ने सिविल अस्पताल बठिंडा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दवाई वितरण व्यवस्था का जायजा लेने के लिए स्वयं खिड़की पर जाकर दवाई की मांग की, लेकिन उपलब्ध दवाइयों के बावजूद उन्हें यह कहकर मना कर दिया गया कि दवाइयां खत्म हो गई हैं।

दवाई स्टॉक में गड़बड़ी पर जताई नाराजगी:
निरीक्षण के दौरान दवाई न मिलने पर डायरेक्टर गोयल ने स्टॉक की जांच की, जिसमें पाया कि दवाइयां वास्तव में उपलब्ध थीं। इस लापरवाही पर उन्होंने अस्पताल प्रशासन की कड़ी आलोचना की और अधिकारियों को चेतावनी दी कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मरीजों के इलाज में किसी भी लापरवाही पर सख्ती:
निदेशक ने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी मरीज को दवाई के लिए मना नहीं किया जा सकता। अगर दवाइयां सरकारी स्टॉक में नहीं हैं, तो उन्हें सरकारी फंड से खरीदा जाए और किसी भी हालत में मरीजों से शुल्क नहीं लिया जाए। उन्होंने डेंगू के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सभी सरकारी अस्पतालों में समय पर दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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