पंजाब सरकार के विजिलेंस ब्यूरो से इंसाफ मांगने गए पीड़ित से ही विजिलेंस ने किया धक्का
जज से इंसाफ दिलाने के नाम पर रिश्वतखोरों ने 1.20 लाख रुपये ठगे
मोहाली: पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई मुहिम दम तोड़ती दिखाई दे रही है। भ्रष्ट लोग ऊंचे पदों पर बैठे जजों के नाम का भी इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचाते, जहां कुछ लोगों ने एक पीड़ित से संपर्क कर इंसाफ दिलाने के लिए लाखों रुपये वसूल लिए। जब पीड़ित ने इसके खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो से संपर्क किया तो उल्टा विजिलेंस उसे ही केस में फंसा
कर समझौता करने का दबाव बना रही है।
मोहाली प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीड़ित गुरमीत सिंह ने बताया, “जब माननीय जज रवीइंदर सिंह, रोपड़ की कोर्ट में केस चल रहा था, तो बलविंदर सिंह, डिप्टी कोर्ट, रोपड़, जसपाल सिंह और मनवीर ढींडसा, एडवोकेट, रोपड़ ने उन्हें इस केस से बरी करवाने के लिए कथित तौर पर 1.50 लाख रुपये मांगे थे, जिसमें से उन्होंने गूगल पे और कैश के जरिए 1.20 लाख रुपये ले लिए थे। बाद में, जज के ट्रांसफर के बाद बाकी 30 हजार रुपये को लेकर बातचीत बिगड़ने पर, मैंने इस धोखाधड़ी के खिलाफ विजिलेंस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई, जहां डीएसपी विनोद कुमार, रोपड़ ने मुझे बुलाकर पूछताछ की और अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा।
पीड़ित ने बताया,”बाद में, उन्होंने कथित तौर पर मुझसे शिकायत वापस लेने के लिए कहा और कहा कि अगर मैंने ऐसा नहीं किया, तो केस दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि लगभग एक महीने बाद, डीएसपी विजिलेंस गणेश कुमार ने उन्हें सेक्टर-68, मोहाली में पूछताछ के लिए बुलाया और उन्होंने भी शिकायत वापस लेने और दिए गए पैसे वापस कराने की बात कही। इस दौरान उन्होनें जसपाल सिंह से 1 लाख रुपये का चेक भी वापस करवाया, लेकिन यह चेक बैंक में दो बार जमा करने के बाद भी कैश नहीं हुआ। इसके बाद विजिलेंस ने उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए डीएसपी हेडक्वार्टर को जांच भेजी और वहां पेश होने पर उनके डॉक्यूमेंट्स देखने के बाद रीडर साहब ने उन्हें बेल लेने की सलाह दी।
पीड़ित गुरमीत सिंह ने कहा, ” इंसाफ न मिलता देख उन्होंने हाई कोर्ट में विजिलेंस के खिलाफ अर्जी दी, लेकिन विजिलेंस अधिकारी वहां पेश नहीं हुए। लेकिन अगली सुनवाई पर विजिलेंस ने उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन सिटी कुराली में केस दर्ज करा दिया। हाई कोर्ट ने इस पर 10 दिन का स्टे देने के बाद उन्हें मोहाली में बेल लेने को कहा। मोहाली कोर्ट में बेल मिलने के बाद डीएसपी मुल्लांपुर जांच में भी शामिल हुआ और बेल भरकर बेल ले ली। लेकिन विजिलेंस ने सेशंस कोर्ट में उनके खिलाफ बयान दर्ज कराया कि गुरमीत सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही जज ने बेल कैंसिल कर दी।”
गुरमीत सिंह ने कहा कि उन्होंने आखिरकार हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 3 दिसंबर, 2025 को कोर्ट ने फिर से बेल दे दी और विजिलेंस को 10 दिसंबर, 2025 को जांच में शामिल होने का आदेश दिया।
आखिर में, गुरमीत सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, पंजाब स्टेट एससी कमीशन और चीफ डायरेक्टर विजिलेंस ब्यूरो से मांग की है कि विजिलेंस और पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा उनके खिलाफ किए जा रहे गैर-कानूनी अत्याचारों की तुरंत जांच की जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए। साथ ही, गुरमीत सिंह ने मांग की कि इस केस की जांच कर रही इंक्वायरी इंस्पेक्टर गगनदीप कौर की बजाये, जांच किसी दूसरे अधिकारी को ट्रांसफर की जाए।