पंजाब में फिर दौड़ेगी बैलगाड़ी रफ्तार!
विधानसभा में बिल पास, सीएम भगवंत मान ने कहा- जानवरों पर कोई अत्याचार नहीं होगा…..
पंजाब में पारंपरिक खेलों को फिर से जीवित करने की दिशा में एक अहम फैसला लिया गया है। राज्य विधानसभा में बैलगाड़ी दौड़ को कानूनी मान्यता देने वाला बिल पास कर दिया गया है। इसके साथ ही राज्य में अब दोबारा बैलगाड़ी रेस का आयोजन हो सकेगा, जो वर्षों से प्रतिबंधित थी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया कि इस खेल को लेकर जो भ्रांतियाँ फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने विधानसभा में कहा कि, “यह कहना गलत है कि बैलगाड़ी दौड़ में जानवरों पर अत्याचार होता है। पंजाब के किसान अपने पशुओं को बच्चों की तरह पालते हैं, और उन्हें चोट पहुँचाना किसी भी सूरत में मंज़ूर नहीं है।”
नए कानून के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रतिभागियों के हाथ में डंडा नहीं होगा, और जानवरों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा को सख्ती से रोका जाएगा। सरकार इस आयोजन को पारंपरिक खेल और सांस्कृतिक विरासत के रूप में देख रही है, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में भारी समर्थन मिल रहा है।
विधानसभा में यह बिल पास होते ही पूरे पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। किसानों और स्थानीय निवासियों ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि यह खेल सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि गांव की संस्कृति, परंपरा और समुदायिक एकता का प्रतीक है।
पशु कल्याण से जुड़े कुछ संगठनों ने हालांकि इस फैसले पर सवाल उठाए हैं, लेकिन सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि हर आयोजन में पशु अधिकारों का विशेष ध्यान रखा जाएगा और यदि किसी प्रकार की क्रूरता पाई जाती है तो उस पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
यह फैसला न केवल ग्रामीण खेलों के पुनरुद्धार का प्रतीक है, बल्कि पंजाब की लोक संस्कृति और परंपरा को सम्मान देने का प्रयास भी है। आने वाले महीनों में राज्य के विभिन्न जिलों में पारंपरिक खेल महोत्सव आयोजित किए जाने की योजना है।