पंजाब महिला आयोग ने गायक हनी सिंह तलब
महिला आयोग का आरोप, गानों में महिलाओं की छवि धूमिल; हनी सिंह और औजला से जवाब मांगा गया….
पंजाब महिला आयोग ने मशहूर पंजाबी गायक हनी सिंह और करण औजला को तलब किया है। आयोग का आरोप है कि इनके कुछ गाने महिलाओं की छवि को ठेस पहुंचाते हैं और समाज में गलत संदेश फैलाते हैं। आयोग ने दोनों गायकों को नोटिस भेजते हुए उनसे व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने बताया कि आयोग के पास लगातार शिकायतें आ रही थीं कि इन कलाकारों के गीतों में इस्तेमाल किए गए शब्द और प्रस्तुतिकरण महिलाओं के प्रति अपमानजनक हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे गाने न केवल महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि युवाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। आयोग का मानना है कि कलाकारों की सामाजिक जिम्मेदारी होती है कि वे अपनी लोकप्रियता का उपयोग सकारात्मक बदलाव लाने के लिए करें, न कि गलत संदेश फैलाने के लिए।
आयोग ने हनी सिंह और करण औजला को यह भी स्पष्ट किया है कि उन्हें इस मामले में खुलकर अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाएगा। अगर वे चाहें तो लिखित में भी जवाब दे सकते हैं, लेकिन आयोग चाहता है कि दोनों कलाकार व्यक्तिगत रूप से पेश होकर बताएं कि उनके गानों में ऐसे शब्द क्यों इस्तेमाल किए गए। मनीषा गुलाटी ने यह भी कहा कि संगीत और कला का उद्देश्य समाज को जोड़ना होना चाहिए, न कि किसी वर्ग या लिंग के खिलाफ नकारात्मक धारणा बनाना।
हनी सिंह का नाम पहले भी विवादों में आ चुका है। कई बार उनके गानों को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है। कुछ साल पहले भी उनके एक गाने के बोल पर आपत्ति जताई गई थी, जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। वहीं, करण औजला भी हाल ही में अपने कुछ गानों के कारण आलोचना का शिकार हुए हैं, जिनमें महिलाओं के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया था।
आयोग ने कहा कि वह इस मामले में जल्द ही सुनवाई करेगा और अगर गानों में महिलाओं के प्रति अपमानजनक या आपत्तिजनक सामग्री पाई गई तो आगे की कार्यवाही की जाएगी। आयोग ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर कलाकार समाज में नकारात्मक संदेश फैलाने वाले कंटेंट का निर्माण बंद नहीं करते, तो कानूनी कार्रवाई भी संभव है।
इस पूरे मामले को लेकर संगीत जगत में भी चर्चा तेज हो गई है। कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि कलाकारों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि उनके काम का असर लाखों लोगों पर पड़ता है। फिलहाल, सबकी नजरें आयोग की अगली सुनवाई और दोनों कलाकारों के जवाब पर टिकी हुई हैं।