पंजाब पानी नहीं देगा, सीएम मान सख्त
नीति आयोग की बैठक में केंद्र को दो टूक जवाब, चंडीगढ़ पर भी उठाया बड़ा मुद्दा….
चंडीगढ़ : दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की अहम बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के हितों को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखी। सीएम मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंजाब वर्तमान स्थिति में किसी भी राज्य को अतिरिक्त पानी देने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में जल स्रोत पहले ही सीमित हैं और भूमिगत जल स्तर भी खतरनाक हद तक नीचे चला गया है। ऐसे में किसी अन्य राज्य को पानी देने का सवाल ही नहीं उठता।
सीएम मान ने इस दौरान चंडीगढ़ प्रशासन में अफसरों की तैनाती को लेकर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जब चंडीगढ़ बना था, तब पंजाब और हरियाणा के अफसरों के लिए 60-40 का अनुपात तय किया गया था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस संतुलन को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब चंडीगढ़ प्रशासन में AGMUT और DANICS कैडर के अफसरों का दबदबा बढ़ गया है, जिससे पंजाब को उसके अधिकारों से लगातार वंचित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री मान ने बैठक में यह भी कहा कि पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य की सुरक्षा और संसाधनों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाने चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह पंजाब को चंडीगढ़ में उसके हिस्से का वाजिब हक दे और जल संकट की गंभीरता को भी समझे।
पंजाब के प्रतिनिधित्व की इस स्पष्टता और मुखरता ने नीति आयोग की बैठक में राज्य की मौजूदगी को खासा प्रभावशाली बना दिया। माना जा रहा है कि सीएम मान का यह रुख आने वाले दिनों में जल विवादों और चंडीगढ़ प्रशासन की राजनीति पर व्यापक असर डाल सकता है। उन्होंने इस मंच पर सिर्फ पंजाब का पक्ष ही नहीं रखा, बल्कि एक संवेदनशील मुद्दे को भी राष्ट्रीय विमर्श में लाकर खड़ा कर दिया।
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