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पंजाब के छह जिलों में भारी बारिश अलर्ट

ब्यास का जलस्तर बढ़ा, सात गांवों में पानी घुसा….

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पंजाब में मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट राज्य के छह जिलों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए जारी किया गया है। इनमें गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, अमृतसर, जालंधर और तरनतारन जिले शामिल हैं। बुधवार सुबह से ही कई इलाकों में रुक-रुक कर तेज बारिश हो रही है, जिससे नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने लगा है।

सबसे गंभीर स्थिति ब्यास नदी के आसपास के गांवों में देखी जा रही है। लगातार हो रही बारिश और पहाड़ों से आ रहे पानी के कारण ब्यास का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इसके चलते सात गांवों की करीब 600 एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गई है। खेतों में खड़ी धान और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी का बहाव इतना तेज है कि कई जगह खेत पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं और फसल बचाने का कोई उपाय नहीं है।

स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बाढ़ग्रस्त इलाकों में पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रही हैं। कुछ गांवों में स्कूलों और पंचायत भवनों को अस्थायी राहत शिविर के रूप में तैयार किया गया है, जहां पीड़ित परिवारों को ठहराने और खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले तीन दिन राज्य के उत्तरी और मध्य हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है। खासकर उन इलाकों में सतर्कता जरूरी है जो पहले से ही जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी या नालों के पास न जाएं और मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करें।

बारिश के कारण सड़क यातायात पर भी असर पड़ा है। कई जगह पानी भर जाने से सड़कें बंद करनी पड़ी हैं और बस सेवाओं को रूट बदलकर चलाया जा रहा है। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है, ताकि बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई हो सके।

इस बीच, मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग और जिलों के अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने और जरूरत पड़ने पर तुरंत राहत सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करेगी और बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वेक्षण करके शीघ्र मुआवजा दिया जाएगा।

पंजाब में इस समय मानसून अपने अंतिम दौर में है, लेकिन लगातार हो रही भारी बारिश ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब मौसम का पैटर्न बदल रहा है और मानसून के अंतिम हफ्तों में भी भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं।

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