पंजाब की राजनीति में नया मोड़: अकाली दल वारिस पंजाब दे देगी शिअद बादल को चुनौती
अमृतपाल सिंह की पार्टी गांवों में टकराव की स्थिति पैदा कर सकती है, एसजीपीसी चुनाव में भी हिस्सा लेने की तैयारी……
अमृतसर (पंजाब) : पंजाब की पंथक राजनीति में एक नई पार्टी का जन्म हुआ है, जिसका नाम है “अकाली दल वारिस पंजाब दे”, जिसका नेतृत्व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह करेंगे। माघी मेले में इस पार्टी के गठन की घोषणा करते हुए उन्होंने पंथक मुद्दों को लेकर संघर्ष जारी रखने का संकेत दिया।
अकाली दल बादल को अब एक नई चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। अकाली दल वारिस पंजाब दे का गठन ऐसे समय में हुआ है जब अकाली दल बादल के नेतृत्व पर धार्मिक और पंथक गलतियों के आरोप लग रहे हैं, जिनके चलते श्री अकाल तख्त साहिब ने धार्मिक सजा सुनाई थी और पार्टी के खिलाफ सिख पंथ में भारी रोष है।
इसके अलावा, चुनाव आयोग ने अकाली दल आनंदपुर साहिब के नाम को अस्वीकार किया था, जिसके बाद पार्टी ने अपना नाम “अकाली दल वारिस पंजाब दे” रखा। अब इस पार्टी के समर्थन में शिरोमणि अकाली दल फतेह के नेता जसकरण सिंह काहन सिंह वाला भी आ चुके हैं, और कई पंथक जत्थेबंदियां इसके साथ जुड़ने की संभावना जताई जा रही है।
पार्टी ने गांव स्तर पर सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है और आने वाले एसजीपीसी चुनावों में भाग लेने की तैयारी भी शुरू कर दी है। इस बीच, अकाली दल वारिस पंजाब दे और अकाली दल बादल के समर्थकों के बीच गांवों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे पंजाब की राजनीति में और भी हलचल मचने की उम्मीद है।
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