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पंचकूला-चंडीगढ़ सीमा पर झाड़ियों से संकट

दुकानदारों को जहरीले जीवों का डर, प्रशासन से की सफाई की मांग

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पंचकूला और चंडीगढ़ की सीमा पर बनी झाड़ियों ने स्थानीय दुकानदारों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। सीमा से सटे इलाकों में फैली इन घनी झाड़ियों में सांप और अन्य जहरीले जीवों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे दुकानदारों के साथ राहगीरों में भी डर का माहौल बना हुआ है। सीमा क्षेत्र में दुकानें चलाने वाले व्यापारियों का कहना है कि प्रशासनिक अनदेखी के कारण इन झाड़ियों की सफाई महीनों से नहीं हुई है। इन झाड़ियों में न केवल गंदगी जमा हो रही है बल्कि बरसात के मौसम में वहां से बदबू भी फैलती है। साथ ही, सांप, बिच्छू और अन्य जहरीले जीव यहां अक्सर दिखाई देते हैं, जो किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकते हैं।

एक दुकानदार ने बताया कि हाल ही में एक सांप उसकी दुकान के पीछे घुस आया, जिसे बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया। इसी तरह कई दुकानदारों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए, जिसमें बच्चों और ग्राहकों को डर कर वहां से भागते हुए देखा गया। कई बार सांपों को खुले में घूमते हुए देखा गया है, जिससे दिन में भी डर बना रहता है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार प्रशासन को शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। व्यापारियों ने अब स्थानीय नगर निगम और प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द इन झाड़ियों की सफाई करवाई जाए और इलाके को सुरक्षित बनाया जाए।

गौरतलब है कि पंचकूला और चंडीगढ़ की सीमा पर कई दुकानों और अस्थायी ठेलों के साथ-साथ कुछ छोटे गोदाम भी हैं, जहां रोज़ सैकड़ों लोग आते हैं। ऐसे में यदि कोई दुर्घटना होती है, तो जनहानि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

साफ-सफाई न होने से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ रहा है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। दुकानदारों का कहना है कि वे अपने स्तर पर जितना संभव हो सफाई करते हैं, लेकिन झाड़ियों के कारण समस्या बढ़ती जा रही है, जिसे केवल प्रशासनिक कार्रवाई से ही हल किया जा सकता है।

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि यह सिर्फ व्यापारियों का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र का मुद्दा है। यदि प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता है, तो यहां कोई गंभीर हादसा हो सकता है और इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की ही होगी। अब देखना यह है कि क्या स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान देते हैं या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।

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