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निजी परमिट विरोध में पंजाब की बसें ठप

सरकारी बसें नहीं चलेंगी, 11 बजे होगी यूनियन-सरकार बैठक….

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पंजाब में आज यातायात व्यवस्था आंशिक रूप से ठप रहने वाली है, क्योंकि सरकारी बस ऑपरेटरों ने निजी कंपनियों को परमिट देने के फैसले के खिलाफ हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल के तहत राज्यभर में लगभग 3,000 सरकारी बसें सड़क पर नहीं उतरेंगी, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

जानकारी के मुताबिक, पंजाब रोडवेज और पनबस समेत सरकारी परिवहन विभाग की यूनियनों ने सरकार के उस फैसले का विरोध किया है, जिसमें निजी कंपनियों को नए परमिट देने की बात कही गई है। यूनियनों का कहना है कि यह कदम न केवल सरकारी परिवहन व्यवस्था को कमजोर करेगा, बल्कि हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर भी खतरा पैदा करेगा।

यूनियन नेताओं का आरोप है कि सरकार निजी ऑपरेटरों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी बसों की रूट पर भी निजी बसें चलाने की अनुमति दे रही है। इससे सरकारी बस सेवा का राजस्व घटेगा और धीरे-धीरे सरकारी परिवहन व्यवस्था खत्म हो जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

यात्रियों के लिए राहत की बात यह है कि आज सुबह 11 बजे यूनियन नेताओं और सरकार के बीच बैठक तय की गई है। इस बैठक में हड़ताल खत्म करने और समस्या का समाधान निकालने पर चर्चा होगी। सरकार की ओर से परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस वार्ता में शामिल होंगे।

हड़ताल के कारण सुबह से ही बस स्टैंडों पर यात्री परेशान नजर आए। कई लोग प्राइवेट बसों, ऑटो और टैक्सी का सहारा लेने को मजबूर हुए, जिससे यात्रा खर्च भी बढ़ गया। ग्रामीण इलाकों में तो स्थिति और भी मुश्किल रही, जहां सरकारी बसें ही मुख्य परिवहन साधन हैं।

उधर, सरकार का कहना है कि निजी कंपनियों को परमिट देने का फैसला यात्रियों की सुविधा और राज्य की परिवहन सेवाओं में सुधार के लिए लिया गया है। अधिकारियों का तर्क है कि सरकारी बसों की संख्या सीमित है और कई रूटों पर मांग ज्यादा है, ऐसे में निजी ऑपरेटरों को परमिट देने से सेवा में सुधार होगा।

हालांकि, यूनियनों का मानना है कि सरकार अगर सेवा सुधारना चाहती है तो उसे सरकारी बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए, न कि निजीकरण को बढ़ावा देना चाहिए। उनका कहना है कि निजी कंपनियां लाभ के लिए काम करती हैं और घाटे वाले रूट पर बसें नहीं चलाएंगी, जिससे ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों के यात्री प्रभावित होंगे।

अब नजर 11 बजे होने वाली बैठक पर टिकी है, जहां यह तय होगा कि हड़ताल जारी रहेगी या समझौते के साथ बस सेवाएं फिर से बहाल होंगी। फिलहाल यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा की योजना बनाते समय वैकल्पिक साधनों का उपयोग करें।

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