देवीलाल स्टेडियम में खिलाड़ियों की बदहाली: ना सही खाना, ना इलाज, ना आराम
छत टपक रही, खाने में कीड़े, AC बंद—खिलाड़ी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे
पंचकूला के देवीलाल स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ियों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। जहां ये युवा खिलाड़ी देश के लिए पदक लाने का सपना लेकर मैदान में पसीना बहा रहे हैं, वहीं उनके रहने और खाने के हालात देखकर किसी का भी दिल पसीज जाए।
स्टेडियम के हॉस्टल में रहने वाली महिला खिलाड़ियों को गर्मी और उमस के बीच बिना एयर कंडीशनर के दिन-रात काटने पड़ रहे हैं। पिछले दो महीनों से उनके कमरों में लगे एसी खराब पड़े हैं, लेकिन आज तक कोई सुधार नहीं हुआ। वेंटिलेशन का तो जैसे कोई नामोनिशान ही नहीं है। ऐसा लगता है मानो खिलाड़ियों को बुनियादी मानवाधिकारों से भी वंचित किया जा रहा है।
अगर बात भोजन की करें, तो स्थिति और भी भयावह है। खिलाड़ियों को दिए जा रहे खाने में कीड़े निकल रहे हैं। जो शरीर उन्हें मजबूत बनाना चाहिए, वही खाना अब उनकी सेहत बिगाड़ने लगा है। कोई शिकायत करने जाए, तो बस एक “देखते हैं” वाला जवाब मिलता है।
इतना ही नहीं, अगर किसी खिलाड़ी की रात में तबीयत बिगड़ जाए, तो उसे तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। मेडिकल सुविधा के नाम पर सिर्फ पेरासिटामोल की गोली रखी गई है। हॉस्टल में ऐसा कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है जो इमरजेंसी में मदद कर सके। न कोई वार्डन, न कोई नर्स।
एक तरफ सरकार और खेल विभाग ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारियों की बात करते हैं, दूसरी ओर खिलाड़ियों को बुनियादी जरूरतें भी नहीं दी जा रहीं। यह सवाल सिर्फ सिस्टम पर नहीं, बल्कि हमारी प्राथमिकताओं पर भी उठता है।
इन खिलाड़ियों की मेहनत, सपने और समर्पण इस देश का भविष्य हैं। अगर इन्हें समय रहते सम्मान और सुविधा नहीं दी गई, तो हम न केवल एक खिलाड़ी खोएंगे, बल्कि देश का गौरव भी कम करेंगे।
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