अगले तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी
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तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी

देश के कई राज्यों में बाढ़ और बादल फटने का खतरा, नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा

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 नई दिल्ली देश के कई हिस्सों में बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। केंद्रीय जल आयोग ने शुक्रवार को चेतावनी दी है कि आने वाले तीन से चार दिनों तक कुछ राज्यों में भारी बारिश की आशंका बनी हुई है। खासकर उत्तर भारत के राज्यों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और असम में स्थिति चिंताजनक हो सकती है।

बाढ़ और बादल फटने की आशंका ने प्रशासन को अलर्ट पर ला दिया है। जल आयोग के अनुसार, देश के 17 स्थानों पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है, जहां नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे आसपास के गांवों में पानी घुसने लगा है। स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी ने चिंता और बढ़ा दी है। स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है और लोगों से घरों में रहने की सलाह दी गई है।

उत्तराखंड और हिमाचल जैसे पहाड़ी इलाकों में बादल फटने का खतरा जताया गया है। इन इलाकों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। कुछ जगहों पर सड़कें बंद हो गई हैं और बिजली आपूर्ति बाधित है।

गांवों में रहने वाले लोग अब सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। कई इलाकों में प्रशासन ने राहत कैंप बना दिए हैं। वहीं, सेना और NDRF की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि ज़रूरत पड़ने पर फौरन मदद पहुंचाई जा सके।

बाढ़ से खेत-खलिहान डूब गए हैं और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसान चिंतित हैं क्योंकि खरीफ की फसलें इस समय सबसे अधिक प्रभावित हो रही हैं। इस मुश्किल घड़ी में आम जनता के सामने पानी, बिजली, भोजन और आवागमन जैसी मूलभूत सुविधाएं सबसे बड़ी चुनौती बन गई हैं।

सरकार ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों से दूर रहें और केवल सरकारी सूचना का ही पालन करें। स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि संवेदनशील इलाकों में निगरानी रखी जाए और जरूरतमंदों को प्राथमिकता के आधार पर सहायता दी जाए। आगामी दिनों में अगर बारिश का यही हाल रहा तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोगों को हाई अलर्ट पर रहना चाहिए और किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी प्रशासनिक केंद्र से संपर्क करना चाहिए।

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