डॉक्टरों ने मांगी सुरक्षा, काम खतरे में
हिंसा के बढ़ते मामलों से भयभीत डॉक्टर, आज स्वास्थ्य सचिव से होगी अहम बैठक…..
पंजाब के डॉक्टरों ने हाल ही में हो रही अस्पतालों में हिंसक घटनाओं के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (PCMS) के अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन ने कहा कि बीते कुछ महीनों में राज्य के कई अस्पतालों में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के साथ बदसलूकी, धमकी और मारपीट की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इससे ना सिर्फ डॉक्टरों का मनोबल टूटा है बल्कि उन्हें अब हर समय जान का खतरा भी महसूस होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सेवा देना बेहद कठिन हो गया है।
डॉ. सरीन ने बताया कि डॉक्टरों को अकसर मरीजों के परिजन धमकाते हैं और गुस्से में आकर हमला कर देते हैं। हाल ही में लुधियाना, पटियाला और अमृतसर जैसे बड़े शहरों के सरकारी अस्पतालों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, जहां डॉक्टरों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। डॉक्टरों का कहना है कि वे स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें हर समय इस बात का डर सताता है कि कहीं किसी बात पर कोई हमला न कर दे।
PCMS एसोसिएशन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को पंजाब के स्वास्थ्य सचिव के साथ एक विशेष बैठक बुलाई है। इस बैठक में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदमों पर चर्चा की जाएगी। डॉक्टरों की मांग है कि अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
डॉक्टरों का यह भी कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो उन्हें मजबूरी में विरोध के तौर पर हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अस्पताल में काम करने वाला हर स्टाफ, खासकर इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर, हर वक्त तनाव में रहता है और यह स्थिति स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक है।
इस पूरी स्थिति में सरकार की भूमिका अहम मानी जा रही है। अगर सरकार और प्रशासन डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त और असरदार कदम नहीं उठाते हैं, तो इसका सीधा असर मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ सकता है। डॉक्टरों ने उम्मीद जताई है कि सोमवार की बैठक के बाद प्रशासन कोई सकारात्मक और ठोस निर्णय लेगा ताकि डॉक्टर निडर होकर मरीजों की सेवा कर सकें।
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