डल्लेवाल की सुरक्षा के लिए किसान नेताओं की चेतावनी, केंद्र को जिम्मेदार ठहराया
34 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता, जान-माल का नुकसान होने पर केंद्र को जिम्मेदार ठहराया…
पटियाला : पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित खनौरी बॉर्डर पर 34 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक हो गई है। उनके ब्लड प्रेशर में भारी गिरावट आई है, जिससे उन्हें बात करने में भी कठिनाई हो रही है। इस बीच, किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर डल्लेवाल को जबरन उठाने की कोशिश की गई तो इसका गंभीर परिणाम होगा।
किसान नेताओं का कहना है कि वे गांधीवादी तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं, लेकिन अगर सरकार ने डल्लेवाल को बलपूर्वक उठाया, तो मोर्चे पर जान-माल का नुकसान होगा और इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार और संबंधित संस्थाओं की होगी।
किसान नेताओं ने यह भी कहा कि उनका आंदोलन एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है और डल्लेवाल ने अपनी जान दांव पर लगा दी है। उन्होंने इस आंदोलन को लेकर देशवासियों से आह्वान किया है कि वे खनौरी मोर्चे पर पहुंचकर किसानों का समर्थन करें।
किसानों की मुख्य मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में वृद्धि पर रोक और पुलिस मामलों की वापसी शामिल हैं। साथ ही, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की भी मांग की जा रही है।
किसान नेताओं ने यह आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के साथ उनके संवाद का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है, और उन्हें अपनी मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
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