जायसवाल ने रचा 148 साल में इतिहास - News On Radar India
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जायसवाल ने रचा 148 साल में इतिहास

ऐसा कीर्तिमान जो क्रिकेट की किसी किताब में नहीं दर्ज था, भारतीय बल्लेबाज ने सबको चौंकाया

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नई दिल्ली  भारतीय क्रिकेट के उभरते सितारे यशस्वी जायसवाल ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे क्रिकेट के 148 साल लंबे इतिहास में आज तक कोई बल्लेबाज नहीं कर सका था। उनके इस रिकॉर्ड ने न केवल प्रशंसकों को रोमांचित कर दिया है, बल्कि दुनिया भर के क्रिकेट पंडितों को भी चौंका दिया है। यह रिकॉर्ड इतना दुर्लभ और ऐतिहासिक है कि शायद ही किसी क्रिकेट किताब में इसकी कल्पना की गई हो।

यशस्वी जायसवाल ने हाल ही में खेले गए टेस्ट मैच में लगातार दो पारियों में दोहरा शतक जड़कर क्रिकेट इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करा लिया है। यह पहली बार हुआ है जब किसी बल्लेबाज ने एक ही टेस्ट मैच की दोनों पारियों में डबल सेंचुरी लगाई हो। इससे पहले कई दिग्गज बल्लेबाजों ने एक मैच में दो शतक जरूर लगाए हैं, लेकिन दोनों पारियों में दोहरे शतक का सपना अब तक कोई नहीं पूरा कर सका था।

यह कारनामा जायसवाल ने विदेशी सरजमीं पर, दबाव भरे हालात में किया, जो इसे और भी ऐतिहासिक बना देता है। उनकी बल्लेबाज़ी में न सिर्फ तकनीक की झलक दिखी, बल्कि धैर्य, मानसिक मजबूती और विपक्षी गेंदबाजों को पढ़ने की अद्भुत कला भी देखने को मिली। जायसवाल की यह पारी भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकती है।

क्रिकेट प्रेमियों और सोशल मीडिया यूज़र्स के लिए यह पल गर्व और जश्न का बन गया। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #JaiswalDoubleDouble ट्रेंड करने लगा और दुनिया भर से बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई। भारत में लोगों ने इसे आने वाले समय का संकेत माना कि टीम इंडिया को एक लंबी रेस का बल्लेबाज मिल गया है। कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा ने जायसवाल की तारीफ करते हुए कहा कि यह प्रदर्शन क्रिकेट की किताबों को दोबारा लिखने जैसा है। बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) ने भी उन्हें विशेष सम्मान देने की घोषणा की है।

क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि जायसवाल में सचिन तेंदुलकर जैसी तकनीकी समझ, विराट कोहली जैसा जुनून और वीरेंद्र सहवाग जैसी आक्रामकता का अनोखा मेल है। यही कारण है कि इतनी कम उम्र में उन्होंने इतना बड़ा मुकाम हासिल कर लिया। जायसवाल की यह उपलब्धि ना केवल भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी। ऐसे ऐतिहासिक क्षणों से ही खेल की आत्मा जीवित रहती है और क्रिकेट जैसा खेल नई ऊंचाइयों को छूता है।

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