जल विवाद गहराया हरियाणा को पानी देने से इनकार
केंद्र के निर्देशों के बावजूद पंजाब झुका नहीं, हरियाणा सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में; आम जनता हो रही प्रभावित…..
चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के बीच दशकों पुराना सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद एक बार फिर तूल पकड़ता जा रहा है। पंजाब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हरियाणा को पानी नहीं देगी और इसी के खिलाफ राज्य विधानसभा में आज एक प्रस्ताव लाया जाएगा। यह कदम ऐसे समय पर उठाया जा रहा है जब केंद्र सरकार दोनों राज्यों से विवाद सुलझाने की अपील कर चुकी है, लेकिन पंजाब अपने रुख पर कायम है।
पंजाब सरकार का कहना है कि राज्य में पहले से ही जल संकट है और किसान सूखे की स्थिति से जूझ रहे हैं। ऐसे में अतिरिक्त पानी देना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल ने कहा है कि पंजाब के पास खुद के खेतों के लिए भी पर्याप्त जल नहीं बचा है, ऐसे में दूसरे राज्य को पानी देना उनके अधिकारों का उल्लंघन होगा।
दूसरी ओर, हरियाणा सरकार इस निर्णय को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन बता रही है। राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि यदि पंजाब ने पानी देने से इनकार किया तो वह सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। हरियाणा का दावा है कि उसे लंबे समय से उसका हक नहीं मिल रहा और इससे लाखों लोगों को पीने के पानी और सिंचाई की समस्या झेलनी पड़ रही है।
इस विवाद के चलते आम जनता खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों के किसान परेशान हैं। पानी की कमी ने फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया है, वहीं राजनीतिक रस्साकशी के चलते समाधान की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। पंजाब विधानसभा में लाया जा रहा प्रस्ताव इस तनाव को और बढ़ा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस मसले का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो यह दोनों राज्यों के बीच राजनीतिक और सामाजिक टकराव का कारण बन सकता है। अब नजरें सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार पर टिक गई हैं, जो इस गतिरोध को कैसे सुलझाती हैं, यह भविष्य तय करेगा।
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