जयपुर में लेबर इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या, सनसनी फैल गई
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जयपुर में लेबर इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या

रिश्ते में साला लगने वाला आरएसी जवान थाने में किया सरेंडर, पारिवारिक रंजिश से जुड़ा मामला…..

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जयपुर शहर उस वक्त दहशत में आ गया जब सुबह-सुबह एक आरएसी जवान ने अपने ही साले यानी लेबर इंस्पेक्टर को गोलियों से भून डाला। यह घटना जयपुर के झोटवाड़ा इलाके में हुई, जहां लेबर इंस्पेक्टर मनोज कुमार अपनी रोज की दिनचर्या के अनुसार ऑफिस के लिए निकले थे। तभी अचानक सड़क पर उनका रिश्तेदार और आरएसी का जवान धर्मेंद्र उर्फ धन्ना आया और उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह करीब 9 बजे झोटवाड़ा में अचानक गोलियों की आवाज़ सुनकर इलाके में हड़कंप मच गया। लोग भागने लगे और कुछ ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि मनोज कुमार खून से लथपथ सड़क पर पड़े थे। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि आरोपी धर्मेंद्र, जो की आरएसी में जवान है, लेबर इंस्पेक्टर का रिश्ते में साला लगता है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच पिछले कुछ समय से पारिवारिक विवाद चल रहा था। विवाद इतना गहरा हो गया कि धर्मेंद्र ने अंततः मनोज की जान लेने का फैसला कर लिया। हत्या के तुरंत बाद वह झोटवाड़ा थाने पहुंचा और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने सरेंडर करते वक्त कोई अफसोस नहीं जताया और साफ-साफ कहा कि उसने जो किया, जानबूझकर किया। अब पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि हत्या की असल वजह क्या थी – क्या यह केवल पारिवारिक रंजिश थी या इसके पीछे कोई और गहरा कारण छुपा है।

मनोज कुमार को एक ईमानदार और मेहनती अधिकारी के तौर पर जाना जाता था। उनके सहयोगी और जानने वाले इस घटना से गहरे सदमे में हैं। पूरे लेबर विभाग में शोक की लहर है। कई अधिकारी और कर्मचारी उनके निवास स्थान पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि पारिवारिक तनाव और आंतरिक विवाद किस हद तक किसी को खतरनाक कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। अब सवाल यह है कि क्या इस तरह की घटनाओं को समय रहते रोका जा सकता है?

पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश करेगी और न्याय प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। इस बीच, मनोज कुमार के परिवार के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

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