जयपुर में दिव्यांग कलाकारों की प्रतिभा का जादू
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जयपुर में दिव्यांग कलाकारों का जादू बिखरा

मैजिक ऑन व्हील्स कार्यक्रम ने दिल जीता….

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जयपुर की सर्द शाम रविवार को कुछ खास बन गई जब मैजिक ऑन व्हील्स कार्यक्रम के मंच पर दिव्यांग कलाकारों ने अपने हौसले, हुनर और भावनाओं से ऐसा जादू बिखेरा कि पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। व्हीलचेयर पर प्रस्तुत की गई उनकी शानदार परफॉर्मेंस ने न सिर्फ मनोरंजन किया, बल्कि समाज को एक गहरा संदेश भी दिया — कि जज़्बा हो तो कोई भी सीमा बड़ी नहीं होती।

कार्यक्रम का आयोजन शहर के प्रतिष्ठित रवींद्र मंच पर किया गया, जहां दर्शकों की भीड़ शुरू से ही उमड़ पड़ी थी। बच्चों, बुजुर्गों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। जैसे ही दिव्यांग कलाकारों ने मंच पर प्रवेश किया, माहौल भावुक हो गया। लेकिन जैसे-जैसे प्रस्तुति आगे बढ़ी, वही भावनाएं आत्मबल और प्रेरणा में बदल गईं।

नृत्य, नाटक, संगीत और कविता पाठ — इन सभी कला रूपों में दिव्यांग कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से ऐसा समां बांधा कि दर्शकों ने कई बार खड़े होकर तालियां बजाईं। उनकी हर प्रस्तुति सिर्फ कला नहीं, एक कहानी थी — संघर्ष की, आत्मबल की, और आत्म-सम्मान की। खास बात यह रही कि सभी कलाकार व्हीलचेयर पर होने के बावजूद पूर्ण रूप से स्वतंत्र और स्वाभाविक दिखे, जिससे दर्शकों को यह महसूस हुआ कि असल बाधा शरीर में नहीं, सोच में होती है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं था, बल्कि यह समाज को यह दिखाने की कोशिश थी कि दिव्यांगजन सिर्फ सहानुभूति नहीं, सम्मान के हकदार हैं। मैजिक ऑन व्हील्स ने इस सोच को सशक्त किया और यह साबित किया कि हर व्यक्ति में अपार क्षमता होती है, बस उसे मंच और अवसर मिलना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में जब सारे कलाकार मंच पर एक साथ आए, तो पूरा हॉल खड़ा होकर उनका अभिनंदन कर रहा था। स्टेंडिंग ओवेशन सिर्फ उनकी प्रस्तुति के लिए नहीं, उनके अदम्य साहस और सकारात्मकता के लिए था। आयोजकों ने बताया कि यह कार्यक्रम पूरे भारत में विभिन्न शहरों में आयोजित किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिव्यांग कलाकारों की प्रतिभा से रूबरू कराया जा सके।

जयपुर की यह शाम केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि यह आत्म-विश्वास, प्रेरणा और सामाजिक समरसता की मिसाल बन गई। मैजिक ऑन व्हील्स ने यह साबित कर दिया कि कला की कोई सीमा नहीं होती, और सच्ची कला वह होती है जो दिलों को छू जाए।

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