चैत्र नवरात्र 2025: आराधना के साथ खास है यह पर्व..
शक्ति साधना और शुभ संयोगों से भरा होता है चैत्र नवरात्र….
नई दिल्ली : चैत्र नवरात्र 2025 का पर्व भक्तों के लिए आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नवरात्रि का यह विशेष अवसर देवी दुर्गा की आराधना, नौ दिनों तक उपवास, हवन, पूजा-पाठ और भक्तिमय माहौल के लिए प्रसिद्ध है। हर साल दो बार प्रकट नवरात्र मनाए जाते हैं—शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र। इसके अलावा दो गुप्त नवरात्र भी होते हैं, जो माघ और आषाढ़ मास में पड़ते हैं। लेकिन चैत्र माह में आने वाला नवरात्र कई वजहों से खास होता है।
चैत्र नवरात्रि हिंदू नववर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक होता है। इस समय चैत्र मास की प्रतिपदा से पंचांग का नववर्ष आरंभ होता है, जिसे विक्रम संवत भी कहते हैं। इसके साथ ही यह पर्व रामनवमी से भी जुड़ा हुआ है, जो नवरात्रि के अंतिम दिन भगवान श्रीराम के जन्म के रूप में मनाई जाती है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है।
चैत्र नवरात्र के दौरान व्रत रखने और नियमों का पालन करने से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त होती है। यह समय सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करने और नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए भी उत्तम माना जाता है। इस दौरान कई भक्त माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन, हवन और विशेष अनुष्ठान करते हैं।
नवरात्रि के दिनों में देशभर के प्रसिद्ध देवी मंदिरों में भव्य आयोजन किए जाते हैं। माता वैष्णो देवी, अंबाजी मंदिर, कामाख्या देवी और अन्य शक्तिपीठों में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँचते हैं। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर रामलीला, जगराते और भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया जाता है, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति का संचार होता है।
चैत्र नवरात्र 2025 का यह शुभ अवसर शक्ति की उपासना, भक्ति और आत्मशुद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। देवी माँ की कृपा से इस पर्व को मनाने वाले भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
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