चंडीगढ़ में दुष्कर्मी को 20 साल की सजा
झंडा खरीदने निकली नाबालिग से जंगल में दुष्कर्म, कोर्ट का सख्त फैसला
चंडीगढ़ : में एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने आरोपी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला शहर को झकझोर देने वाला था, जिसमें एक मासूम बच्ची सिर्फ 100 रुपये लेकर झंडा खरीदने के लिए निकली थी, लेकिन दरिंदगी का शिकार हो गई। अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे अपराध समाज को शर्मसार करते हैं और इसके लिए कठोरतम सजा दी जानी चाहिए। आरोपी ने पहले बच्ची को बहला-फुसलाकर शराब की दुकान तक पहुंचाया, वहां से शराब ली और फिर उसे पास के जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
पीड़िता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अदालत में अभियोजन पक्ष ने ठोस सबूत पेश किए, जिससे आरोपी दोषी साबित हुआ। अदालत ने कहा कि पीड़िता की मासूमियत और विश्वास को ठेस पहुंचाने वाले इस अपराध को किसी भी हाल में हल्के में नहीं लिया जा सकता। ऐसे अपराधों में सख्त सजा से ही समाज में संदेश जाएगा कि नाबालिगों की सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पीड़िता की मां ने अदालत के फैसले पर संतोष जताया और कहा कि वह चाहती हैं कि इस फैसले से अन्य बच्चियों को न्याय मिलने की उम्मीद मिले। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सार्वजनिक स्थलों और स्कूलों के आसपास निगरानी बढ़ाई जाए। यह मामला न सिर्फ न्यायिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक चेतना के लिहाज से भी अहम है। बच्चियों की सुरक्षा अब एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है, जिस पर केवल पुलिस नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग को सजग होना होगा। अदालत का यह फैसला एक मिसाल है कि न्याय प्रणाली ऐसे मामलों में देर नहीं करती और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए तत्पर है।
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