चंडीगढ़ फर्नीचर मार्केट में प्रशासन का एक्शन
अवैध कब्जे हटाने को 1000 पुलिस जवान तैनात, मोहाली मार्ग रहेगा बंद
चंडीगढ़ की चर्चित फर्नीचर मार्केट में अब प्रशासन का बुलडोजर चलने जा रहा है। प्रशासन ने यह सख्त फैसला अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए लिया है। इस कार्रवाई के तहत लगभग 1000 पुलिस जवानों को मौके पर तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। इस दौरान मोहाली की ओर जाने वाली मुख्य सड़क को अस्थायी रूप से बंद रखा जाएगा।
फर्नीचर मार्केट, जो कि वर्षों से सक्रिय व्यवसायियों का केंद्र रही है, अब विवादों में घिर गई है। अधिकारियों का कहना है कि मार्केट के कई हिस्से सरकारी ज़मीन पर अवैध रूप से काबिज हैं और बार-बार चेतावनी देने के बाद भी व्यवसायियों ने कब्जा नहीं हटाया। प्रशासन ने कहा कि नियमों की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने रणनीतिक तैयारी की है। डीसी ने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था बनी रहे और किसी भी नागरिक को असुविधा न हो। पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीमों को एक साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी घटना नियंत्रण से बाहर न हो।
इस फैसले से व्यापारियों में हलचल मच गई है। कई दुकानदारों ने प्रशासन से अपील की है कि उन्हें समय दिया जाए ताकि वे अपने सामान को सुरक्षित निकाल सकें। कुछ लोगों ने इसे रोज़गार पर सीधा हमला बताया है और कहा है कि यह कदम उनके परिवार की आजीविका पर प्रभाव डालेगा।
प्रशासन का रुख हालांकि बिल्कुल साफ है—अवैध कब्जा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शहर की सुंदरता और यातायात की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह ज़रूरी हो गया था कि लंबे समय से चल रही इन अनियमित गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।
फर्नीचर मार्केट की कार्रवाई से आसपास के इलाकों में भी सख्ती की संभावना जताई जा रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर प्रशासन इसी तरह सख्ती से काम करता रहा, तो चंडीगढ़ और भी सुंदर और व्यवस्थित हो सकता है।
जहां कुछ लोग इसे एक ज़रूरी और साहसी कदम बता रहे हैं, वहीं प्रभावित व्यापारी इसे अपनी रोज़ी-रोटी पर खतरा मान रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस कार्रवाई का भविष्य में क्या प्रभाव पड़ता है और क्या प्रशासन इन व्यवसायियों के पुनर्वास को लेकर कोई योजना बनाता है या नहीं।
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