चंडीगढ़ को 328 ई-बसें दिलाने की पहल
राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर ई-बसों और रेल नेटवर्क विस्तार पर की चर्चा
चंडीगढ़ के लोगों को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन सुविधा देने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं, जहां उन्होंने विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने चंडीगढ़ को 328 नई इलेक्ट्रिक बसें (ई-बसें) उपलब्ध कराने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। साथ ही, उन्होंने चंडीगढ़ और पंजाब के रेल नेटवर्क के विस्तार की भी जोरदार वकालत की।
प्रशासक कटारिया ने शुक्रवार को केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर ई-बसों की आवश्यकता और योजना पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ को हरित ऊर्जा से चलने वाली बसों की सख्त जरूरत है ताकि प्रदूषण कम हो और लोगों को सुविधाजनक यात्रा का विकल्प मिल सके। वर्तमान में शहर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था सीमित है, और बढ़ती आबादी के साथ यह आवश्यकता और अधिक महसूस की जा रही है।
इसके अलावा, उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी बातचीत की और चंडीगढ़ समेत पंजाब के अन्य शहरों को बेहतर रेल संपर्क से जोड़ने की मांग रखी। उनका कहना था कि अगर रेल नेटवर्क को और अधिक प्रभावी और विस्तृत किया जाए, तो यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा में राहत मिलेगी और क्षेत्रीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी मुलाकात के दौरान उन्होंने चंडीगढ़ और पंजाब के पर्यटन स्थलों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने की रणनीति साझा की। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि इलेक्ट्रिक बसें आने के बाद इन्हें टूरिज्म सर्किट में भी जोड़ा जा सकता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।
प्रशासक ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से भी बातचीत की और ई-मोबिलिटी और शहर में हरित पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए समर्थन मांगा। उन्होंने यह भी बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन पर्यावरण अनुकूल विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले वर्षों में शहर को ‘ग्रीन सिटी’ के रूप में विकसित करने की योजना है।
गुलाबचंद कटारिया का यह दिल्ली दौरा केवल औपचारिक मुलाकातों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने हर बैठक में चंडीगढ़ और पंजाब के लोगों के हितों को केंद्र में रखकर ठोस पहल की। ई-बसों की योजना यदि सफल होती है, तो यह शहर के सार्वजनिक परिवहन को न सिर्फ नई दिशा देगी, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगी।
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