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गृह मंत्रालय द्वारा देश भर में 7 अप्रैल को सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल अभ्यास का आदेश

युद्ध की आहट के बीच गृह मंत्रालय का बड़ा कदम, 1971 के बाद पहली बार 7 मई को राज्यों में सिविल डिफेंस मॉकड्रिल के निर्देश

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नई दिल्ली  (स्वर्ण दीपक रैना):   सूत्रों से जानकारी मिली  है  कि गृह मंत्रालय द्वारा यह आदेश जारी किया गया है की देश के सभी प्रदेशों में  7 मई 2025 को   सिविल डिफेंस के लिए मॉक ड्रिल का अभ्यास करवाया जाए। मॉक ड्रिल इसलिए की जाती है कि किसी आपातकाल में हम अपने-अपने परिवार की अपने आस पड़ोस की और खासकर हॉस्पिटल शिक्षा के संस्थान या अन्य ऐसे संस्थान जो पब्लिक व देश सेवा के लिए स्थापित हैं को किसी भी प्रकार से लड़ाई के दौरान दुश्मन नुकसान न पहुंच सके साथ ही मॉक ड्रिल में यह भी सिखाया, बताया जाता है और उसकी प्रेक्टिस की जाती है कि अगर दुश्मन देश हमारे किसी शहर गांव के आसपास में बमबारी या घुसपैठ करके जनता को या हमारे संस्थानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो उसके लिए किसी फौज या सुरक्षा दस्ते के पहुंचने से पहले हम कैसे सुरक्षा कर सकते हैं बचा सकते हैं उसके लिए सिविल डिफेंस में लोगों व नौजवानों को यह सिखाया जाता है कि आप इसको कैसे सुरक्षित रख सकते हैं इसके साथ अपने परिवार और खुद की सुरक्षा के लिए यह जरूरी हो जाता है कि जब युद्ध होता है तो देश की सेना बॉर्डर पर दुश्मन से मुकाबला करने के लिए व्यस्त होती है। पुलिस और अर्ध सैनिक बल भी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए अपने-अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं । इस लिए प्रदेश में सिविल डिफेंस में लोगों को अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिए हर संभव तैयारी और प्रयास करने के लिए मॉक ड्रिल करवाई जाती है यहां पर यह बात भी में सांझ करना चाहता हूं कि जिस परिवार में अपने लाइसेंसी बंदूक है वह अपनी-अपनी बंदूक के लिए असले का बंदोबस्त करलें क्योंकि खाली बंदू तो किसी काम की नहीं होती है। जब तक आपके पास उसके लिए प्रयाप्त मात्रा में कारतूस या गोलीयां न हों । इसलिए मेरा मानना है कि गांव में जिसके पास भी अपनी बंदूके हैं वह प्राप्त मात्रा में अपने असला रखें ताकि समय आने पर आप अपनी और अपने परिवार जनों की सुरक्षा कर सकें । और परिवार के सदस्यों को घर में रखी बंदूक को चलाने का अभ्यास होना चाहिए। क्योंकि दुश्मन देश पाकिस्तान आतंकवाद के सहारे आतंकवादियों को कहीं भी युद्ध के दौरान भारत के किसी भी इलाके में अंदर भेज कर या Air ड्रॉप करके हमारे को जान-माल का नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए हमें हर समय तैयार रहने की आवश्यकता है इस लिए 7 तारीख को गृह मंत्रालय द्वारा मॉक ड्रिल करने का फरमान जारी किया है। हवाई जहाजों के हमले से बचने के लिए आप के पास कोई बांधकर

या मजबूत कंक्रीट छत वाला मकान होना चाहिए।मेरा यह भी मानना है कि वैसे तो पूरे चुराह के गांव में परंतु खास कर डोडा किश्तवाड़ की सीमा के साथ लगते गांव के नौजवानों को 5 से 10 की संख्या में इकट्ठे हो करके किसी भी अचानक आपदा या दुश्मन की किसी भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैनात रहना चाहिए। खासकर जब शाम को जब अंधेरा होता है और सुबह जब तक सूरज नहीं निकलता है । इस दौरान अपने-अपने गांव के लिए 5 से 10 यथा संभव जवान चौकसी से निगरानी करें जिससे गांव के लोगों की जान माल की सुरक्षा की जा सके। शायद कुछ बुद्धिजीवी  इस संदेश को मजाक में लेंगे परन्तु मेरा 28 सालों की सेना सेवा में 9 सालों तक जम्मू कश्मीर में जिहादियों / आतंकवादियों के खिलाफ कई बार आमना-सामना हुआ और उन के मनसूबों को पढ़ने ,जानने का मोका मिला इसलिए यह अनुभव सांझ कर रहा हूं |    (अधिक जानकारी बाद में)


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