क्या 29 मार्च का सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा..
जानें सूर्य ग्रहण का समय, सूतक काल और प्रभाव…
नई दिल्ली : साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगने वाला है, जिसे लेकर लोगों में खासा उत्साह और जिज्ञासा है। यह सूर्य ग्रहण आंशिक (Partial Solar Eclipse) होगा, जिसका खगोलीय और धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का कुछ या पूरा भाग ढक जाता है। इस बार का सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या के दिन पड़ रहा है, जो हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। ग्रहण को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इसे भारत से देखा जा सकेगा और क्या इसका सूतक काल मान्य होगा?
खगोलीय गणनाओं के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 2:20 बजे शुरू होगा और अपने चरम पर 4:17 बजे पहुंचेगा। यह ग्रहण शाम 6:16 बजे समाप्त होगा। हालांकि, यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसे दुनिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा, लेकिन भारत में इसे प्रत्यक्ष रूप से देख पाना संभव नहीं होगा। खगोलविदों के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड और यूरोप के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश जैसे दक्षिण एशियाई देशों में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सूतक काल तभी प्रभावी होता है जब ग्रहण प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देता है। चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। हिंदू धर्म में सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ, भोजन पकाने और खाने जैसी गतिविधियों से बचने की सलाह दी जाती है। लेकिन इस बार चूंकि ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं होगा, इसलिए धार्मिक कार्यों पर कोई विशेष प्रतिबंध नहीं रहेगा। हालांकि, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण भले ही प्रत्यक्ष रूप से न दिखे, लेकिन इसकी ऊर्जा और प्रभाव संपूर्ण विश्व पर पड़ सकते हैं।
सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। वैज्ञानिकों और खगोलविदों के लिए यह शोध और अवलोकन का एक बेहतरीन अवसर होता है। इस दौरान सूर्य की गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है, जिससे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नई जानकारियां प्राप्त होती हैं। आमतौर पर, ग्रहण को नंगी आंखों से देखने की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि इससे आंखों को नुकसान हो सकता है। ग्रहण देखने के लिए खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों का उपयोग करना चाहिए।
भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव धार्मिक और ज्योतिषीय स्तर पर चर्चा का विषय बना रहता है। हालांकि, इस बार का सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, फिर भी इसे लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई है। वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह ग्रहण महत्वपूर्ण रहेगा, लेकिन धार्मिक दृष्टि से इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा।
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