क्या साइबर ठगों के मददगार बन रहे हैं बैंक कर्मचारी…
हरियाणा साइबर पुलिस की जांच में हुआ बड़ा खुलासा, दो दर्जन से अधिक बैंक अधिकारी-कर्मचारी ठगों से मिले, कई गिरफ्तार।
हरियाणा : में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी के पीछे एक हैरान करने वाला सच सामने आया है। हरियाणा साइबर पुलिस की जांच में पता चला है कि बीते डेढ़ साल के भीतर साइबर ठगों को बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों का पूरा सहयोग मिला है। पुलिस ने अब तक दो दर्जन से अधिक ऐसे बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को गिरफ्तार किया है जो सीधे या परोक्ष रूप से साइबर अपराधियों की मदद कर रहे थे। इनमें सरकारी और निजी दोनों ही बैंकों से जुड़े लोग शामिल हैं, जो बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग कर ठगी को अंजाम देने में सहायक बने।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ये कर्मचारी साइबर ठगों को फर्जी खाते खुलवाने, ट्रांजैक्शन छुपाने, केवाईसी प्रक्रिया में लापरवाही बरतने और जरूरी दस्तावेजों की जानकारी देने में मदद कर रहे थे। कुछ मामलों में तो बैंक अधिकारी फर्जी पहचान पर खाता खोलकर उसका इस्तेमाल साइबर फ्रॉड में करवाते थे। बदले में इन्हें ठगों से मोटी रकम या कमीशन मिलता था।
हरियाणा पुलिस ने हाल ही में गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, रोहतक जैसे कई जिलों में कार्रवाई करते हुए बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इन कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कई और नामों का भी खुलासा हुआ है और जांच लगातार जारी है। पुलिस अब यह भी पता लगाने में जुटी है कि क्या इस नेटवर्क में और बड़े नाम भी शामिल हैं।
यह खुलासा न सिर्फ बैंकिंग सेक्टर की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि आम नागरिकों की साइबर सुरक्षा को भी गंभीर खतरे में डालता है। अब साइबर पुलिस ने बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपनी आंतरिक जांच प्रक्रिया को और मजबूत करें, कर्मचारियों की बैकग्राउंड जांच अनिवार्य करें और साइबर फ्रॉड से जुड़ी जानकारी साझा करने में पूरी पारदर्शिता बरतें।
यह मामला एक चेतावनी है कि अब साइबर अपराध केवल तकनीकी नहीं, बल्कि संस्थागत लापरवाही और मिलीभगत का नतीजा भी बनता जा रहा है। आम जनता को भी सतर्क रहकर डिजिटल लेनदेन करने की जरूरत है।
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