क्या अविनाश ने एशिया में इतिहास रचा?
36 साल बाद भारत को स्टीपलचेज़ में गोल्ड, मेडल टैली में दूसरा स्थान….
गुमी : एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के एथलीट अविनाश साबले ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में गोल्ड मेडल जीत लिया है यह जीत इसलिए खास है क्योंकि भारत को इस इवेंट में 36 साल बाद कोई स्वर्ण पदक मिला है अविनाश ने न सिर्फ अपने दमदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया बल्कि भारत की मेडल टैली को भी नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है
अविनाश ने जबरदस्त शुरुआत करते हुए शुरुआत से ही दौड़ में बढ़त बनाई और अंत तक अपनी लय बरकरार रखी उन्होंने अपने निकटतम प्रतिस्पर्धियों को कड़ी टक्कर दी और अंत में शानदार अंदाज में फिनिश लाइन पार की इस उपलब्धि के साथ भारत एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेडल टैली में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है
भारत के एथलेटिक्स इतिहास में स्टीपलचेज़ जैसे कठिन इवेंट में स्वर्ण जीतना एक बड़ी बात मानी जाती है यह इवेंट न केवल दौड़ का है बल्कि इसमें बाधाओं और जलकुंड को पार करना होता है जिससे खिलाड़ी की सहनशक्ति और तकनीक की सच्ची परीक्षा होती है अविनाश की यह उपलब्धि आने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी
भारत ने इस चैंपियनशिप में अब तक शानदार प्रदर्शन करते हुए कई मेडल अपने नाम किए हैं लेकिन अविनाश का यह गोल्ड सबसे अधिक चर्चा में है क्योंकि यह 36 साल की लंबी प्रतीक्षा के बाद आया है खेल विशेषज्ञों का मानना है कि अविनाश की मेहनत और कोचिंग ने इस सफलता को संभव बनाया है
सोशल मीडिया पर भी अविनाश की जीत की जमकर सराहना हो रही है प्रधानमंत्री से लेकर खेल मंत्रालय तक ने उनकी इस उपलब्धि को सलाम किया है देशभर के खेल प्रेमी इस स्वर्ण पदक को गर्व का प्रतीक मान रहे हैं और इसे भारत की नई खेल क्रांति की एक मजबूत कड़ी के रूप में देख रहे हैं
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