क्या अपराधी बन रहे हैं हमारे बच्चे? चंडीगढ़ में 587 नाबालिग गिरफ्तार
चोरी, स्नैचिंग से लेकर हत्या के प्रयास तक—चार साल में तेजी से बढ़ा किशोरों का अपराध की ओर झुकाव……
चंडीगढ़ : से एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है जिसने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। बीते चार वर्षों में शहर में कुल 587 नाबालिगों को अलग-अलग आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किया गया है। ये आंकड़े न केवल हैरान करने वाले हैं बल्कि यह भी दिखाते हैं कि किस तरह किशोर तेजी से अपराध की दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं। पहले जहां ये बच्चे चोरी, स्नैचिंग या मारपीट जैसे अपेक्षाकृत छोटे अपराधों में लिप्त पाए जाते थे, वहीं अब इनमें हत्या के प्रयास जैसे संगीन अपराधों की भी बढ़ोतरी हो रही है।
आंकड़ों की मानें तो अकेले चोरी के मामलों में 86, स्नैचिंग में 64 और झगड़े या मारपीट के मामलों में 60 किशोर गिरफ्तार किए गए हैं। यह बदलाव साफ संकेत देता है कि किशोरों के सोचने का तरीका और सामाजिक वातावरण तेजी से बिगड़ रहा है। सोशल मीडिया, नशे की लत, पारिवारिक तनाव और बेरोजगारी जैसे कारक इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। कई बार ये बच्चे संगठित अपराधों का हिस्सा भी बन जाते हैं, जहां उन्हें आगे चलकर इस्तेमाल किया जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि किशोर अवस्था में सही मार्गदर्शन और समर्थन नहीं मिलने से वे आसानी से गलत संगत में पड़ जाते हैं। कई मामलों में यह भी पाया गया है कि अपराध करने के पीछे इन किशोरों का मुख्य उद्देश्य आर्थिक जरूरतें पूरी करना होता है। कुछ मामलों में तो अभिभावकों को यह तक पता नहीं होता कि उनका बच्चा अपराध की राह पर चल पड़ा है।
शहर में लगातार बढ़ रहे किशोर अपराधों को देखते हुए अब कानून व्यवस्था और समाज को मिलकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। स्कूलों में काउंसलिंग, माता-पिता की जागरूकता और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देकर ही इस गिरावट को रोका जा सकता है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह सामाजिक संकट का रूप ले सकता है।
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