कैल्शियम की कमी: सिर्फ हड्डियां नहीं, मांसपेशियों पर भी पड़ता असर
कमजोरी, थकान और मांसपेशियों में खिंचाव हो सकते हैं....
कैल्शियम का नाम सुनते ही सबसे पहले हड्डियों और दांतों की मजबूती का ख्याल आता है। लेकिन यह खनिज सिर्फ हड्डियों तक ही सीमित नहीं है। शोध बताते हैं कि कैल्शियम हमारी मांसपेशियों, नसों और दिल की कार्यप्रणाली के लिए भी उतना ही जरूरी है।
शरीर में लगभग 99% कैल्शियम हड्डियों और दांतों में मौजूद होता है, लेकिन यह मांसपेशियों के सिकुड़ने और ढीला होने, दिल की धड़कन को सामान्य रखने और नसों के जरिए दिमाग से संदेश पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है।
कैल्शियम की कमी के लक्षण:
कमजोरी और जल्दी थकान
मांसपेशियों में खिंचाव या ऐंठन
हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन
पीठ और जोड़ दर्द
लंबे समय तक कमी से ऑस्टियोपोरोसिस और हृदय रोग का खतरा
विशेषज्ञ की सलाह:
हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ. नितिन कुमार बताते हैं कि कैल्शियम सिर्फ हड्डियों के लिए नहीं, बल्कि मांसपेशियों और नसों के सही कामकाज के लिए भी जरूरी है। यदि शरीर में पर्याप्त कैल्शियम न हो तो ब्लड क्लॉटिंग और मसल्स फंक्शन प्रभावित हो सकते हैं।
कैल्शियम की कमी से मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं, जिससे अकड़न और दर्द की समस्याएं बढ़ जाती हैं। पीठ और पैरों में दर्द सामान्य हो जाता है। इस वजह से शरीर की कार्यप्रणाली सही रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन-डी का नियमित सेवन, संतुलित आहार और वर्कआउट जरूरी है।
कैल्शियम की कमी से होने वाली अन्य समस्याएं:
हड्डियां कमजोर और फ्रैक्चर का खतरा
दांत कमजोर, कैविटी और मसूड़ों की समस्या
नसों के संदेश प्रभावित, हाथ-पैरों में झुनझुनी
धड़कन अनियमित, गंभीर स्थिति में हृदय रोग का खतरा
बचपन और किशोरावस्था में हड्डियों और मांसपेशियों का सही विकास नहीं
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