कैग रिपोर्ट में बेनकाब, विजनहीन सरकार और ठप विकास: जय राम ठाकुर
शिमला: एक बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि हाल ही में सदन में प्रस्तुत की गई वर्ष 2023–24 की कैग रिपोर्ट ने सरकार की आर्थिक नीतियों और प्रशासनिक अक्षमता की सच्चाई जनता के सामने रख दी है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट साफ बताती है कि हिमाचल प्रदेश की मौजूदा सरकार के पास न तो कोई दूरदर्शी विजन है और न ही वित्तीय प्रबंधन की क्षमता।
कैग के आंकड़े खुद गवाही देते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को भेजे गए 1024 करोड़ रुपए से अधिक राशि अलग-अलग खातों में पड़ी रही और उसका सदुपयोग तक नहीं हुआ। आखिर जनता के हक का पैसा क्यों वापस लौटाया गया? यह हिमाचल की जनता के साथ सीधा अन्याय है। जयराम ठाकुर ने कहा कि हमारी यह बात बार-बार सही साबित हो रही है कि यह सरकार जनता और उसके हितों से पूरी तरह बेपरवाह है, और यही कारण है कि सरकारी कार्यों की समीक्षा करने वाली हर संस्था की रिपोर्ट सरकार की नाकामियों को उजागर कर रही है।
उन्होंने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि वे खुद दावा करते हैं कि जितना वे बजट पढ़ते हैं उतना कोई नहीं पढ़ता होगा। लेकिन कैग की रिपोर्ट में ही साफ हो गया कि पढ़ा-लिखा बताकर पेश किया जाने वाला बजट खोखला है। मुख्यमंत्री ने 14 मामलों के लिए 711 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट तो पेश किया, लेकिन उन्हीं 14 मदों में पहले से दिए गए मूल बजट का ही उपयोग नहीं किया गया था। यह स्थिति इस बात का प्रमाण है कि सरकार बजट को केवल भाषण और प्रचार का साधन मानकर चल रही है, न कि प्रदेश विकास का मार्गदर्शक दस्तावेज।
कैग की रिपोर्ट में और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 40 परियोजनाओं के लिए जारी धन का एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ। यही नहीं, 2023–24 तक 2990 परियोजनाओं के लिए 2795 करोड़ रुपए का उपयोगिता प्रमाण पत्र सरकार अब तक जमा नहीं कर सकी है। सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी राशि आखिर खर्च कहां हुई? यदि इसका हिसाब सरकार के पास नहीं है तो यह गंभीर वित्तीय कुप्रबंधन का मामला है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का दावा करके सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने वास्तव में व्यवस्था पतन का रास्ता चुना है। प्रदेश का विकास पूरी तरह ठप पड़ गया है। जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है, विकास परियोजनाएं अटकी पड़ी हैं और सरकार व उसके करीबी लोग अपनी राजनीति और सुख-सुविधाओं में मस्त हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे सीमित संसाधनों वाले राज्य में यदि केंद्र से मिले बजट का भी उपयोग न किया जाए और उसे वापस लौटाना पड़े, तो यह प्रदेश की आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से खिलवाड़ है। कैग रिपोर्ट सिर्फ वित्तीय अनियमितताओं का दस्तावेज नहीं, बल्कि मौजूदा सरकार की खोखली नीतियों और गैर-जिम्मेदाराना रवैये का सबूत है। (मुख्य संवाददाता स्वर्ण दीपक रैना की रिपोर्ट)
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