कारोबारी गिल की याचिका पर आज सुनवाई
पंजाब सरकार देगी जवाब, हरियाणा CM ने BJP में कराया था शामिल…..
पंजाब और हरियाणा की राजनीति में सुर्खियां बटोर रहे कारोबारी गिल के मामले में आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होने जा रही है। गिल ने अपनी याचिका में पंजाब सरकार के खिलाफ कुछ प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाईयों को चुनौती दी है। इस पर आज अदालत में सुनवाई होगी, जिसमें पंजाब सरकार की ओर से औपचारिक जवाब दाखिल किया जाएगा।
गिल, जो हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए थे, राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। बताया जाता है कि गिल का राजनीति में प्रवेश अचानक नहीं था, बल्कि लंबे समय से वे सियासी गतिविधियों में रुचि ले रहे थे। नायब सैनी के साथ उनके संबंध और हरियाणा में बढ़ते राजनीतिक प्रभाव ने BJP के लिए उन्हें एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया।
याचिका में गिल ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ की गई कुछ सरकारी कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और उनके व्यापार एवं व्यक्तिगत जीवन को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाइयों पर रोक लगाई जाए।
पंजाब सरकार की ओर से कहा गया है कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई पूरी तरह से कानून के तहत है और इसमें किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं हुआ है। सरकार का दावा है कि गिल पर लगे आरोपों के समर्थन में पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, जिन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला सिर्फ एक कारोबारी से जुड़ा विवाद नहीं है, बल्कि इसके पीछे सियासी समीकरण भी हैं। हरियाणा में BJP की रणनीति और पंजाब में विपक्षी ताकतों को कमजोर करने की राजनीति के बीच गिल का मामला महत्वपूर्ण हो गया है।
गिल के BJP में शामिल होने के बाद से ही पंजाब की सियासत में यह सवाल उठने लगा था कि क्या उनकी राजनीतिक पारी का असर पंजाब की राजनीति पर भी पड़ेगा या वे केवल हरियाणा की राजनीति तक सीमित रहेंगे। वहीं, इस कानूनी लड़ाई ने गिल की छवि को एक नए विवाद के केंद्र में ला दिया है।
अदालत में आज होने वाली सुनवाई पर दोनों राज्यों के राजनीतिक पर्यवेक्षक भी नजर बनाए हुए हैं। अगर कोर्ट गिल के पक्ष में कोई अंतरिम राहत देता है तो यह BJP के लिए एक सियासी जीत मानी जाएगी, वहीं अगर पंजाब सरकार अपने पक्ष को साबित करने में सफल रहती है तो गिल की राह और कठिन हो सकती है।
अब देखना यह है कि हाईकोर्ट में आज की कार्यवाही किस दिशा में जाती है और आने वाले दिनों में यह मामला पंजाब-हरियाणा की राजनीति में कितना असर डालता है।