‘काम कर दिखाओ, मैं माला पहनाऊंगा’ भजनलाल शर्मा को दी खुली चुनौती,
नीमकाथाना में अशोक गहलोत ने भजनलाल शर्मा को दी खुली चुनौती, विकास कार्यों को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना
नीमकाथाना राजस्थान की राजनीति में जुबानी जंग एक बार फिर गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को नीमकाथाना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को खुली चुनौती दी। गहलोत ने कहा कि अगर भजनलाल शर्मा वाकई प्रदेश के लिए कुछ ऐसा कर दें जो जनता के हित में हो और जिसकी तुलना कांग्रेस सरकार के कामों से की जा सके, तो वे खुद उन्हें माला पहनाएंगे।
गहलोत ने कहा, “मैं सार्वजनिक रूप से कहता हूं कि अगर आपने (भजनलाल शर्मा) कांग्रेस सरकार से बेहतर कोई काम किया, तो मैं खुद मंच पर आकर आपको माला पहनाऊंगा। लेकिन अफसोस इस बात का है कि आप हमारे किए हुए काम ही मिटा रहे हैं, उन्हें रोक रहे हैं।” गहलोत ने बीजेपी सरकार पर विकास की योजनाएं रोकने और राजनीतिक द्वेष के चलते पहले की घोषणाओं को वापस लेने का आरोप लगाया।
गहलोत ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि अब तक की सरकार की कार्यशैली केवल दिखावे और नारों तक सीमित रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनहित में जो योजनाएं बनाई थीं, चाहे वो चिकित्सा, शिक्षा, सड़क, या सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी हों, उन्हें वर्तमान सरकार ने बिना कारण ठप कर दिया है। उन्होंने पूछा, “क्या ये जनता के साथ न्याय है?”
इसके साथ ही गहलोत ने राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार ने अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है और पारदर्शिता के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। “सरकार के भीतर घोटाले हो रहे हैं, मगर कार्रवाई नहीं की जा रही,” उन्होंने कहा।
गहलोत की इस टिप्पणी पर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। माना जा रहा है कि यह बयान केवल एक चुनौती नहीं बल्कि आने वाले चुनावी माहौल की भूमिका का संकेत है। वे जनता के बीच जाकर यह संदेश देना चाह रहे हैं कि वर्तमान सरकार केवल प्रचार पर जोर दे रही है, जबकि ज़मीन पर विकास के नाम पर कुछ खास नहीं हो रहा।
नीमकाथाना की इस रैली में भारी भीड़ देखी गई। गहलोत ने जनता से अपील की कि वे सरकार की नीतियों को समझें और अपने अधिकारों के लिए सवाल उठाना न छोड़ें। उन्होंने अंत में कहा कि लोकतंत्र में सवाल पूछना सबसे बड़ा हथियार है और आज वक्त आ गया है कि जनता जागरूक होकर सरकार से जवाब मांगे।
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