मुंबई : 90 के दशक की सबसे चर्चित और सफल अभिनेत्रियों में शुमार करिश्मा कपूर आज भले ही लाइमलाइट से दूर हों, लेकिन उनकी ज़िंदगी की कहानियां आज भी लोगों को हैरान करती हैं। 51 साल की उम्र में करिश्मा एक मजबूत, स्वतंत्र और आत्मनिर्भर महिला की मिसाल हैं, लेकिन उनका सफर उतना आसान नहीं रहा, जितना पर्दे पर दिखता था।
कहा जाता है कि करिश्मा को करियर की शुरुआत में सलमान खान पर जबरदस्त क्रश था। दोनों ने कई हिट फिल्में साथ कीं और स्क्रीन पर इनकी जोड़ी को खूब सराहा गया। लेकिन उनकी निजी ज़िंदगी में सबसे बड़ा मोड़ आया अभिषेक बच्चन से सगाई के समय।
करिश्मा और अभिषेक की सगाई 2002 में बच्चन फैमिली के सामने धूमधाम से हुई थी। लेकिन कुछ ही महीनों बाद यह रिश्ता टूट गया। वजहें आज तक स्पष्ट नहीं, लेकिन इंडस्ट्री में यह खबर फैल गई कि दोनों परिवारों के बीच सामंजस्य की कमी थी।
इसके बाद करिश्मा की शादी दिल्ली के उद्योगपति संजय कपूर से हुई। शुरुआत में सब कुछ ठीक लगा, लेकिन शादीशुदा ज़िंदगी दर्दनाक मोड़ों से भरी रही। करिश्मा ने खुलासा किया था कि हनीमून पर पति ने उन्हें अपने दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए मजबूर किया, और यह भी आरोप लगाया कि उन्हें मानसिक और भावनात्मक प्रताड़ना झेलनी पड़ी।
एक समय था जब उन्हें सिर्फ ‘कपूर खानदान की बेटी’ या ‘करिश्मा, करीना की बहन’ कहा जाता था। लेकिन अपनी मेहनत और हिट फिल्मों की बदौलत – राजा हिंदुस्तानी, दिल तो पागल है, बीवी नंबर वन – उन्होंने खुद को नंबर वन हीरोइन साबित किया।
दिलचस्प बात यह है कि करिश्मा सिर्फ 5वीं क्लास तक पढ़ी थीं, लेकिन एक्टिंग स्कूल ज़रूर गईं। आज भी लोग उन्हें उनके डांस, अदाकारी और ग्रेस के लिए याद करते हैं।
करिश्मा की कहानी सिर्फ एक स्टार की नहीं, बल्कि एक महिला की है, जिसने चमक-धमक के पीछे छिपे अंधेरे का भी सामना किया, और फिर भी मुस्कुरा कर जीना नहीं छोड़ा।
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