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कनाडा के वीजा नियमों में बदलाव पंजाब के युवाओं को लगा झटका

पंजाब के युवाओं पर सीधा असर

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पंजाब  के युवाओं के बीच कनाडा जाने का सपना आम है, लेकिन हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो द्वारा किए गए ऐलान से इन सपनों पर एक बड़ा असर पड़ सकता है। कनाडा सरकार ने स्टडी वीजा और अस्थायी निवासियों के लिए कड़े नियम लागू करने का फैसला लिया है, जिससे पंजाब के युवाओं को बड़ा झटका लगा है।

1. वीजा पर 10 प्रतिशत कटौती का ऐलान
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो ने ट्वीट कर जानकारी दी कि 2024 में इंटरनेशनल छात्रों के स्टडी परमिट में 35 प्रतिशत की कमी की जाएगी और 2025 में यह संख्या और घटकर 10 प्रतिशत हो जाएगी। यह कदम कनाडा की इमिग्रेशन नीति में बड़ा बदलाव दर्शाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में विदेशी कर्मचारियों और छात्रों की संख्या को नियंत्रित करना है। इस फैसले का सबसे बड़ा असर पंजाब के उन युवाओं पर पड़ेगा, जो स्टडी वीजा लेकर कनाडा जाकर सेटल होने का सपना देखते थे।

2. इमिग्रेशन पर सख्त रुख
कनाडा सरकार का यह फैसला केवल छात्रों तक सीमित नहीं है। त्रूदो सरकार ने अस्थायी विदेशी कर्मचारियों के नियमों में भी बदलाव की योजना बनाई है। कनाडा में अब कम वेतन वाले अस्थायी विदेशी कर्मचारियों की संख्या घटाई जाएगी और उनके काम के समय को सीमित किया जाएगा। यह कदम कनाडा की अर्थव्यवस्था को सुधारने और सिस्टम के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है। त्रूदो ने कहा कि जो ‘बुरे तत्व’ सिस्टम का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।

3. पंजाब के युवाओं पर सीधा असर
हर साल हजारों की संख्या में पंजाब के युवा स्टडी वीजा पर कनाडा जाते हैं और वहां रहकर पढ़ाई के साथ-साथ काम करके सेटल होते हैं। लेकिन कनाडा द्वारा वीजा संख्या में कटौती से पंजाब के छात्रों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खासकर उन युवाओं के लिए, जो कनाडा में रहकर अपने भविष्य को संवारने का सपना देखते थे। यह फैसला पंजाब के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि वहां से बड़ी संख्या में युवा कनाडा जाकर काम और शिक्षा के अवसर पाते हैं।

4. कनाडा की इमिग्रेशन नीति और चुनाव
कनाडा की त्रूदो सरकार पर इमिग्रेशन और नौकरियों के मुद्दे पर राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है। 2025 के आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। इस कदम के जरिए त्रूदो सरकार उन मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही है, जो इमिग्रेशन के बढ़ते बोझ से असंतुष्ट हैं। वहीं, कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर का यह बयान कि “कनाडा आना एक सौभाग्य है, अधिकार नहीं,” इस नीति में बदलाव का संकेत देता है।

निष्कर्ष
कनाडा द्वारा वीजा नियमों में की जा रही कटौती का असर सीधे तौर पर पंजाब के युवाओं पर पड़ रहा है। जहां पहले हर साल हजारों की संख्या में युवा कनाडा जाकर वहां की अर्थव्यवस्था में योगदान देते थे, अब इस नए बदलाव के बाद उनके सपनों पर ग्रहण लग सकता है। इमिग्रेशन पर सख्त रुख और अस्थायी कर्मचारियों की संख्या में कमी का यह फैसला कनाडा की राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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