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कंगारुओं के खिलाफ वर्ल्ड चैंपियन कप्तान का खास रिकॉर्ड, 2 बार व्हाइटवॉश, रोहित ने गंवाया सुनहरा मौका

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नयी दिल्ली। इंदौर में भारत की करारी हार ने रोहित शर्मा एंड कंपनी के गौरव को चकनाचूर कर दिया है। इस मैच ने भारतीय बल्लेबाजी क्रम की पोल खोल दी है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे वर्ल्ड क्लास बल्लेबाज फ्लॉप रहे। श्रेयस अय्यर के बल्ले से रन नहीं निकले. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में पदार्पण करने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज केएस भरत भी पूरी तरह से फ्लॉप रहे। ऑस्ट्रेलिया को नागपुर और दिल्ली में करारी शिकस्त देकर जीत के रथ पर सवार रोहित शर्मा की सेना को अंदाजा नहीं था कि ऑस्ट्रेलिया इंदौर में भी भारत को उसी तर्ज पर चाट लेगा, जिस तरह भारत ने पिछले दो मैचों में कंगारुओं को धूल चटा दी थी. जीत के जुनून में टीम इंडिया ये भी भूल गई कि ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड क्लास टीम है और भारत को कभी भी मात देने का माद्दा रखती है. इस हार के साथ ही महेंद्र सिंह धोनी की तर्ज पर कंगारुओं को घर में हराने का भारत का सपना भी टूट गया.

इतिहास पर नजर डालें तो दोनों ही देश अपने घर में शेर रहे हैं। टीम इंडिया ने पिछले दो ऑस्ट्रेलिया दौरे जीते और पहली बार साल 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में हराने का रिकॉर्ड बनाया. इसके बाद विराट और अजिंक्य रहाणे ने मिलकर साल 2020-21 में एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में टेस्ट सीरीज में मात दी. इस शानदार प्रदर्शन के दम पर विराट कोहली की कप्तानी की खूब वाहवाही बटोरी. कप्तान बनने के बाद रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के रूप में अपने घर में पहली बड़ी टेस्ट सीरीज खेली थी।

पहले नागपुर और फिर दिल्ली में महज ढाई दिन में टेस्ट मैच जीतकर हिटमैन ने संकेत दिया कि वह महेंद्र सिंह धोनी के बड़े रिकॉर्ड को तोड़ने की ओर बढ़ रहा है. सिर्फ धोनी ही ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने भारत में दो बार ऑस्ट्रेलिया का सूपड़ा साफ किया है। साल 2012 में जब माइकल क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत आई थी, तब धोनी की कप्तानी में टीम ने चारों मैचों में कंगारुओं को 4-0 से मात दी थी. इससे पहले धोनी की कप्तानी वाली टीम ने दो मैचों की टेस्ट सीरीज में रिकी पोंटिंग एंड कंपनी का 2-0 से वाइटवॉश किया था.

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साल 2008 में अनिल कुंबले की टीम ने बिना टेस्ट सीरीज जीते कंगारुओं को भारत से वापस भेज दिया था. फिर चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-0 पर भारत के पक्ष में समाप्त हुई। हालांकि तब कुंबले पोंटिंग का वाइटवॉश नहीं कर सके थे। ऑस्ट्रेलियाई टीम दो मैच ड्रॉ कराने में सफल रही थी। साल 1996 में भारत दौरे पर ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत एकमात्र टेस्ट मैच खेला था. इस सीरीज में टीम इंडिया की कमान सचिन तेंदुलकर के कंधों पर थी. वहीं, ऑस्ट्रेलिया की कमान मार्क टेलर संभाल रहे थे। भारत ने यह मैच सात विकेट से जीत लिया।

ऐसे में महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम का उसके घर में दो बार वाइटवाश किया है. रोहित शर्मा के पास भी इतिहास के पन्नों में अपनी जगह बनाने का मौका था लेकिन नागपुर में मिली हार के बाद वह ऐसा करने से चूक गए.


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