औरंगजेब की कब्र तोड़ने से क्या मिलेगा मंत्री..
रामदास अठावले ने मुसलमानों से अपील की, संभाजी महाराज का स्मारक बनाने की वकालत..
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने एक बयान में कहा कि मुगल शासक औरंगजेब की कब्र तोड़ने से कोई लाभ नहीं होगा। इसके बजाय महाराष्ट्र के संभाजीनगर में छत्रपति संभाजी महाराज का एक भव्य स्मारक बनना चाहिए, ताकि लोग उनकी विचारधारा से प्रेरणा ले सकें। अठावले ने भारत के मुसलमानों से अपील की कि वे खुद को औरंगजेब से न जोड़ें, क्योंकि उनका उससे कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान औरंगजेब की संतान नहीं हैं, बल्कि वे इस देश के नागरिक हैं, जिनका गौरवशाली इतिहास रहा है।
अठावले ने अपने बयान में यह भी कहा कि इतिहास से सीख लेना जरूरी है, लेकिन उसे वर्तमान पर हावी नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें मुगल शासनकाल की गलतियों से आगे बढ़कर छत्रपति संभाजी महाराज जैसे योद्धाओं के विचारों को अपनाना चाहिए, जिन्होंने धर्म और स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया। उन्होंने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार संभाजीनगर में एक विशाल स्मारक स्थापित करे, ताकि उनकी वीरता को आने वाली पीढ़ियां याद रखें।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां सभी धर्मों को समान सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें इतिहास के विवादित मुद्दों में उलझने की बजाय एकजुट होकर देश की प्रगति पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज सिर्फ हिंदुओं के ही नहीं, बल्कि पूरे देश के आदर्श हैं और हमें उनकी शिक्षाओं का पालन करना चाहिए।
रामदास अठावले के इस बयान पर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे सांप्रदायिक सौहार्द्र बढ़ाने वाला कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। हालांकि, अठावले ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि उनकी मंशा किसी विशेष समुदाय को ठेस पहुंचाने की नहीं, बल्कि देश में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने की है।
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