ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीड़ितों का दर्द छलका | दर्दनाक अनुभव साझा किए..
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ऑपरेशन सिंदूर से छलका पीड़ितों का दर्द

पहलगाम हमले के जवाब में भावुक हुए शहीदों के परिजन……

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नई दिल्ली : पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जब भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमला किया, तो देशभर में एक बार फिर देशभक्ति की भावना उमड़ पड़ी। ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ सुनते ही हमले में अपने परिजनों को खो चुके परिवारों की आंखें भर आईं। शहीदों के परिवारों ने इसे न्याय की पहली झलक बताते हुए सरकार और सेना का आभार व्यक्त किया।

भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को बेहद सटीकता और सामरिक रणनीति के तहत अंजाम दिया। तीनों सेनाओं—थल, वायु और नौसेना—ने मिलकर नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें से चार पाकिस्तान में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट जैसे क्षेत्रों में स्थित थे, जबकि पांच पीओके में सक्रिय थे। इन शिविरों को तबाह करने के लिए विशेष सटीक हथियारों और ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया गया।

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों का कहना है कि उन्हें अपनों की शहादत का दर्द हमेशा रहेगा, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने उनके घावों पर मरहम लगाने का काम किया है। एक शहीद की पत्नी ने कहा कि जब उन्होंने ‘सिंदूर’ नाम सुना तो उन्हें अपने पति की मांग में भरे सिंदूर की याद आ गई, जिससे वह भावुक हो गईं।

सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को पूरी तरह एक सैन्य कार्रवाई बताया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत अंजाम दिया गया। इस दौरान नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑपरेशन भारत की सैन्य ताकत और कूटनीतिक समझ का स्पष्ट संदेश है।

देशभर में आम लोगों ने भी इस ऑपरेशन का स्वागत किया है। सोशल मीडिया पर #OperationSindoor और #PahalgamAttackJustice जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इसे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि बता रहे हैं और सेना के पराक्रम को सलाम कर रहे हैं।

यह पहली बार है जब किसी सैन्य ऑपरेशन को शहीदों की भावना से जोड़ा गया हो, जिससे लोगों के दिलों में यह और भी खास बन गया है। शहीदों के परिजनों को अब उम्मीद है कि देश आतंकवाद के खिलाफ इसी तरह सख्त रुख अपनाता रहेगा।

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