एनजीटी से पंजाब सरकार को बड़ी राहत, धान की बिजाई पर नहीं लगेगा रोक
एनजीटी ने याचिका की खारिज, सब-सॉइल वॉटर एक्ट को नहीं माना बाधा, अब एक जून से हो सकेगी धान की बुआई….
चंडीगढ़। पंजाब सरकार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) से बड़ी राहत मिली है। ट्रिब्यूनल ने राज्य में एक जून से धान की बिजाई पर रोक लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि पंजाब में धान की बुआई एक जून से पहले शुरू नहीं होनी चाहिए, ताकि भूजल स्तर की गिरावट को रोका जा सके। लेकिन एनजीटी ने इस याचिका में उठाए गए तर्कों को स्वीकार नहीं किया।
एनजीटी ने स्पष्ट किया कि पंजाब में लागू सब-सॉइल वॉटर एक्ट के आधार पर धान की बुआई पर स्वत: कोई रोक नहीं लगती है। ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकार की नीति और वर्तमान हालात को ध्यान में रखते हुए याचिका को तकनीकी आधार पर निराधार माना और खारिज कर दिया। इससे राज्य के लाखों किसानों को राहत मिली है जो पहले से ही मौसम और बाजार की अनिश्चितताओं से जूझ रहे हैं।
पंजाब सरकार ने पहले ही घोषणा की थी कि इस साल भी धान की बिजाई एक जून से ही शुरू होगी, ताकि जल स्तर को नियंत्रित किया जा सके और बिजली की आपूर्ति को लेकर योजना बनाई जा सके। लेकिन याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि बुआई की तारीख और आगे बढ़ाई जाए।
सरकार ने यह भी कहा कि भूजल संरक्षण के लिए वह पहले से ही वैकल्पिक फसलों को प्रोत्साहित कर रही है और किसानों को माइक्रो इरिगेशन जैसी तकनीकों से जोड़ रही है। वहीं, ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकार के इन प्रयासों की सराहना की और कहा कि सरकार की नीति में कोई ऐसा विरोधाभास नहीं है जिससे जनहित को क्षति पहुंचे।
अब स्पष्ट हो गया है कि पंजाब में धान की बुआई पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार एक जून से शुरू की जा सकेगी। इससे न केवल किसानों को स्पष्ट दिशा मिली है, बल्कि खरीफ सीजन की तैयारियों को भी मजबूती मिलेगी।
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