एक दिन की गैरहाजिरी पर दस साल की सजा?
हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस के कांस्टेबल की वेतन कटौती को अनुचित बताया, कहा- सजा तर्कसंगत नहीं…..
हरियाणा : पुलिस के कांस्टेबल सत्यवीर सिंह को 2015 में ड्यूटी से एक दिन अनुपस्थित रहने पर पहले बर्खास्त कर दिया गया और बाद में अपील पर यह सजा बदलकर उनकी दस वार्षिक वेतन वृद्धियों को रोकने के आदेश दिए गए। यह मामला अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा, जहां अदालत ने इसे सख्त और तर्कहीन सजा बताते हुए प्रशासन के आदेश को अनुचित करार दिया।
कोर्ट ने कहा कि किसी भी कर्मचारी की एक दिन की गैरहाजिरी पर उसे इतनी कठोर सजा देना न केवल असंगत है, बल्कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के भी खिलाफ है। अदालत ने स्पष्ट किया कि हर सजा का एक अनुपात होना चाहिए और इसमें मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाना जरूरी है।
कांस्टेबल सत्यवीर सिंह 2015 में अपनी ड्यूटी पर एक दिन के लिए नदारद पाए गए थे। विभाग ने जांच के बाद उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। बाद में उन्होंने विभागीय अपील की जिस पर पुनर्विचार करते हुए विभाग ने उन्हें बहाल तो किया लेकिन उनकी 10 साल की वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में यह तर्क दिया गया कि यह सजा अत्यधिक है और इससे कर्मचारी का पूरा करियर प्रभावित हो सकता है। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि ऐसा फैसला व्यक्ति की प्रोफेशनल ग्रोथ को पूरी तरह रोक सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अनुशासन जरूरी है, लेकिन उसके लिए तर्कसंगत और संतुलित दृष्टिकोण अपनाना अनिवार्य है।
कोर्ट के आदेश के बाद यह मामला अन्य विभागीय कार्यवाहियों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया कि वह इस आदेश पर पुनर्विचार करे और संतुलनपूर्ण निर्णय ले। इस फैसले से न केवल संबंधित कर्मचारी को राहत मिली है बल्कि अन्य कर्मचारियों में भी न्याय के प्रति विश्वास बढ़ा है।
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