उदयपुर स्कूल हादसा, बच्ची की मौत दुखद
निर्माणाधीन भवन का छज्जा गिरा, बूंदी में पांच घायल….
उदयपुर — राजस्थान के उदयपुर जिले में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब एक सरकारी स्कूल के निर्माणाधीन भवन का छज्जा गिरने से सात वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। हादसे के समय बच्ची स्कूल परिसर में खेल रही थी। अचानक भारी मलबा गिरने से वह उसके नीचे दब गई। मौके पर मौजूद शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार, यह घटना जिले के एक ग्रामीण इलाके में स्थित प्राथमिक विद्यालय में हुई, जहां भवन का निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माण स्थल को पूरी तरह से सुरक्षित घेराबंदी न किए जाने और पर्याप्त सावधानी न बरतने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। परिजनों का कहना है कि अगर काम के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता, तो यह हादसा टल सकता था।
हादसे के बाद स्कूल में मातम का माहौल है। सहपाठियों और शिक्षकों की आंखें नम हैं। गांव के लोग भी गुस्से और दुख में हैं, और उन्होंने प्रशासन से जिम्मेदार ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इसी दिन राजस्थान के बूंदी जिले में भी एक और हादसा हुआ। यहां एक स्कूल में फॉल्स सीलिंग अचानक गिर गई, जिससे पांच छात्र घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ, जब बच्चे कक्षा में बैठे थे। गिरते मलबे से कई छात्रों के सिर और हाथ में चोटें आईं। सभी घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
बूंदी के इस मामले में प्राथमिक जांच से पता चला है कि फॉल्स सीलिंग का स्ट्रक्चर कमजोर हो गया था और मरम्मत कार्य समय पर नहीं किया गया। शिक्षा विभाग ने घटना के बाद संबंधित स्कूल प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है।
दोनों घटनाओं ने स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीण इलाकों में कई सरकारी स्कूल या तो पुराने भवनों में चल रहे हैं या निर्माणाधीन ढांचों में, जहां सुरक्षा मानकों की अनदेखी आम बात है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों के लिए स्कूल सुरक्षित और भरोसेमंद जगह होनी चाहिए, लेकिन ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि निगरानी और मेंटेनेंस में लापरवाही जारी है।
स्थानीय प्रशासन ने उदयपुर के मामले में जांच समिति गठित की है और ठेकेदार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। वहीं, बूंदी की घटना के बाद शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में सरकारी और निजी स्कूलों के भवनों की सुरक्षा जांच के निर्देश जारी किए हैं।
इन हादसों ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल में शिक्षा दे पा रहे हैं या नहीं। माता-पिता अब स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ सुरक्षा इंतजामों को लेकर भी चिंतित हैं।
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