उदयपुर में निकली भव्य कावड़ यात्रा, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
News around you

उदयपुर में निकली भव्य कावड़ यात्रा

हजारों शिवभक्तों ने गंगाजल के साथ उभयेश्वर महादेव मंदिर तक की 21 किमी यात्रा

5

उदयपुर शहर मंगलवार को भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंग गया, जब हजारों शिवभक्तों ने गंगाजल के साथ भव्य कावड़ यात्रा निकाली। यह यात्रा उदयपुर के ऐतिहासिक गंगू कुंड से प्रारंभ होकर 21 किलोमीटर दूर स्थित उभयेश्वर महादेव मंदिर तक गई। शिवभक्तों के कदमों के साथ हर हर महादेव के जयकारों से सड़कों का वातावरण भक्तिमय हो गया।

सावन मास के इस पावन अवसर पर कावड़ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था, संकल्प और समर्पण का प्रतीक बन गई। छोटे-बड़े, युवा-बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सभी ने मिलकर इस धार्मिक आयोजन में भाग लिया। भक्तों ने नारंगी वस्त्र धारण कर, सिर पर गंगाजल की कांवड़ उठाए हुए, नंगे पांव मंदिर तक की लंबी दूरी तय की।

पूरे रास्ते में जगह-जगह भक्तों के लिए स्वागत द्वार बनाए गए थे। सामाजिक और धार्मिक संगठनों द्वारा ठंडे पानी, शरबत, फल और चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की गई थी। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने बताया कि यह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि भगवान शिव के प्रति हमारी निष्ठा और समर्पण का प्रतीक है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं में अनुशासन और भक्ति भाव देखने लायक था। पूरे मार्ग पर सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात था और ट्रैफिक को सुचारु रूप से चलाया गया। प्रशासन ने इस यात्रा के लिए विशेष इंतजाम किए थे ताकि किसी को कोई असुविधा न हो।

गंगाजल से भरी कांवड़ों को लेकर जब श्रद्धालु उभयेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे, तो शिवलिंग पर गंगाजल का अभिषेक कर उन्होंने अपने परिवार और समाज की सुख-शांति की कामना की। मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन और आरती से वातावरण गुंजायमान हो गया। यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द का भी उदाहरण बना। विभिन्न समुदायों के लोगों ने मिलकर इस यात्रा में भागीदारी निभाई, जिससे आपसी एकता और भाईचारे का संदेश भी प्रसारित हुआ।

हर वर्ष सावन में निकलने वाली इस यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं की आस्था लगातार बढ़ती जा रही है। इस वर्ष की यात्रा को लेकर खासा उत्साह था, और श्रद्धालुओं की भारी संख्या ने यह सिद्ध कर दिया कि शिवभक्ति में एक अनोखा आकर्षण है जो लोगों को जोड़ता है। यह यात्रा समाप्त भले हो गई हो, लेकिन श्रद्धालुओं के दिलों में भगवान शिव की भक्ति का यह अनुभव लंबे समय तक जीवित रहेगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.