मोहाली : की अदालत आज चर्चित ईसाई धर्मगुरु पादरी बजिंदर सिंह पर सजा का ऐलान करेगी। पादरी बजिंदर, जिन्हें ‘येशू-येशू’ वाले धर्मगुरु के रूप में भी जाना जाता है, को रेप के एक मामले में दोषी ठहराया गया था। फिलहाल, वह पटियाला जेल में बंद हैं और अदालत के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
पिछले वर्ष दर्ज हुए इस मामले में मोहाली पुलिस ने कई अहम सबूत पेश किए थे, जिसके आधार पर कोर्ट ने बजिंदर को दोषी माना। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि पादरी ने धार्मिक आस्था का फायदा उठाकर उसके साथ जबरदस्ती की। जांच के दौरान, कई और महिलाओं ने भी पादरी के खिलाफ बयान दिए, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया।
अभियोजन पक्ष का दावा है कि बजिंदर ने चर्च की आड़ में अपना प्रभाव बढ़ाया और कमजोर तबके की महिलाओं को अपनी धार्मिक गतिविधियों में शामिल कर उनके साथ गलत हरकतें कीं। कोर्ट में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपों को निराधार बताया और कहा कि यह मामला सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। हालांकि, अदालत ने अभियोजन पक्ष के सबूतों को ज्यादा ठोस माना और बजिंदर को दोषी ठहरा दिया।
पटियाला जेल में बंद बजिंदर को आज सजा सुनाई जाएगी, जिसमें उम्रकैद से लेकर 10-15 साल की जेल की सजा तक का प्रावधान हो सकता है। इस फैसले को लेकर उनके समर्थकों और विरोधियों में भारी चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे न्याय की जीत मान रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक भेदभाव करार दे रहे हैं।
यह मामला सिर्फ कानूनी ही नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक रूप से भी काफी संवेदनशील बन चुका है। इस फैसले से चर्च और अन्य धार्मिक संगठनों पर भी गहरा असर पड़ सकता है। पंजाब में बजिंदर के काफी अनुयायी हैं, और उनके समर्थकों ने पहले भी इस केस के खिलाफ प्रदर्शन किए थे।
अब सबकी नजरें अदालत के अंतिम फैसले पर हैं। अगर बजिंदर को कड़ी सजा मिलती है, तो यह धार्मिक नेताओं की जवाबदेही को लेकर एक मिसाल साबित हो सकता है।
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