नई दिल्ली: पिछले 6 महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बिक्री में 25% की वृद्धि हुई है। इस अवधि में कुल 8 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई। यह आंकड़ा देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रति बढ़ती जागरूकता और स्वीकार्यता को दर्शाता है। विभिन्न राज्यों में सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी और अनुकूल नीतियों ने भी इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ई-कारों की बिक्री
हालांकि, ई-कारों की बिक्री में केवल 1.3% की वृद्धि हुई है, जो कि एक चिंता का विषय है। इलेक्ट्रिक कारों की अधिकतम बिक्री में कमी आने का मुख्य कारण उनकी उच्च कीमत और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी हो सकती है। उपभोक्ता अभी भी इलेक्ट्रिक कारों की खरीद में हिचकिचा रहे हैं, विशेषकर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में। सरकार और निर्माताओं को इस दिशा में और प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि अधिक लोग ई-कारों को अपनाएं।
भविष्य की संभावनाएं
इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य उज्जवल दिखता है, विशेषकर जब हम स्वच्छ ऊर्जा और स्थायी परिवहन के महत्व को देखते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें EV चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क को विस्तारित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। इसके साथ ही, EV निर्माताओं को भी नए मॉडलों और तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं की मांग को पूरा किया जा सके। आगामी वर्षों में, यदि कीमतें कम होती हैं और चार्जिंग सुविधाएं बढ़ती हैं, तो ई-वाहनों की बिक्री में और भी तेजी आने की संभावना है।
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