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आज रात आकाश में दिखेगा रहस्यमयी नजारा: 82 मिनट तक खून जैसा लाल होगा चांद

2022 के बाद का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण, भारत समेत पूरी दुनिया में दिखेगा ‘ब्लड मून’

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Longest total lunar eclipse 2025 Blood Moon in India 2025 Full lunar eclipse September 2025 Lunar eclipse timings in India Longest Blood Moon after 2022 Rare celestial event 2025 Astronomy events September 2025नई दिल्ली | आज, रविवार 07 सितंबर 2025 की रात, पूरा भारत और दुनिया के कई हिस्से एक बेहद दुर्लभ खगोलीय घटना का गवाह बनने वाले हैं। यह घटना है 2022 के बाद का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण, जिसे वैज्ञानिक और खगोल प्रेमी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे।

82 मिनट तक रहेगा चंद्रग्रहण

भारतीय खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार, यह पूर्ण चंद्रग्रहण लगभग 82 मिनट तक चलेगा। ग्रहण का आरंभ रात 8:30 बजे होगा और इसका समापन 9:52 बजे के आसपास होगा। एशिया, अफ्रीका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में इसे साफ तौर पर देखा जा सकेगा। उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में इसे आंशिक रूप से ही देखा जा सकेगा।

चंद्रमा पर क्यों छा जाती है पृथ्वी की छाया?

पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस दौरान सूर्य की सीधी रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती और पृथ्वी की छाया उसे ढक लेती है। लेकिन पूरी तरह अंधकारमय दिखने के बजाय चंद्रमा लालिमा लिए हुए नज़र आता है। इसे ही आम भाषा में ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।

यह लालिमा पृथ्वी के वातावरण से होकर गुजरने वाली सूर्य की किरणों के कारण उत्पन्न होती है। दरअसल, वायुमंडल में नीली रोशनी बिखर जाती है और लाल किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं, जिससे चंद्रमा तांबे या गहरे लाल रंग का दिखने लगता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ

भारत में चंद्रग्रहण केवल वैज्ञानिक घटना ही नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल में पूजा-पाठ और खाने-पीने से परहेज़ करने की परंपरा है। कई लोग इस समय ध्यान, मंत्र जाप और दान-पुण्य करते हैं।

कई मंदिरों में विशेष अनुष्ठान और हवन आयोजित किए गए हैं। वहीं, ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान और शुद्धिकरण की परंपरा भी निभाई जाती है।

वैज्ञानिकों की अपील – अंधविश्वास से बचें

हालांकि, वैज्ञानिक बार-बार इस बात पर जोर देते हैं कि ग्रहण को लेकर अंधविश्वास फैलाने से बचना चाहिए। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और खगोल वैज्ञानिकों का कहना है कि लोग इस अद्भुत खगोलीय घटना को सुरक्षित तरीके से देखें। चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित है, इसके लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती।

खगोल प्रेमियों के लिए खास अवसर

भारत और दुनिया भर के खगोल प्रेमी आज के ब्लड मून को लेकर काफी उत्साहित हैं। विश्वविद्यालयों और विज्ञान संस्थानों में विशेष वॉच इवेंट्स आयोजित किए जा रहे हैं, जहां बड़ी दूरबीनों से लोग इस घटना को देख पाएंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी इस खगोलीय घटना की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी ताकि जो लोग घर से बाहर नहीं जा सकते, वे भी इसका आनंद ले सकें।

अगली बार कब दिखेगा इतना लंबा चंद्रग्रहण?

विशेषज्ञों का कहना है कि इतना लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण अब 2032 में देखने को मिलेगा। यानी आज का ब्लड मून खगोल विज्ञान के विद्यार्थियों और आम जनता दोनों के लिए बेहद खास अवसर है।

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