अरमान मलिक केस में दो शादी का विवाद - News On Radar India
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अरमान मलिक केस में दो शादी का विवाद

वकील बोले- शिकायत का अधिकार पहली पत्नी को….

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Punjab : प्रसिद्ध यूट्यूबर अरमान मलिक इन दिनों दो शादियों को लेकर चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर उनकी निजी जिंदगी को लेकर खूब बहस छिड़ी हुई है। कई लोग इसे कानूनी और सामाजिक नजरिए से देख रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे व्यक्तिगत मामला मान रहे हैं। हाल ही में इस मुद्दे पर कानूनी विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है।

कानून के जानकारों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति ने पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी की है और वह हिंदू मैरिज एक्ट के तहत आती है, तो यह कानूनी रूप से अपराध माना जा सकता है। ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज कराने का अधिकार मुख्य रूप से पहली पत्नी के पास होता है। यानी अगर पहली पत्नी इस पर आपत्ति जताती है और मामला दर्ज करवाती है, तभी इस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

वकीलों का यह भी कहना है कि हर ऐसे मामले को लव जिहाद से जोड़ना सही नहीं है। लव जिहाद एक अलग तरह का मुद्दा है, जिसमें धर्म परिवर्तन या जबरदस्ती विवाह जैसी परिस्थितियां शामिल होती हैं। लेकिन अरमान मलिक का मामला फिलहाल केवल दो शादियों से जुड़ा हुआ है और इसमें दोनों पत्नियों की सहमति भी चर्चा का विषय है।

सोशल मीडिया पर अरमान मलिक और उनकी दोनों पत्नियां अक्सर साथ में वीडियो और फोटो शेयर करते हैं, जिससे यह मामला और भी सुर्खियों में बना रहता है। कई लोग इसे आपसी सहमति का उदाहरण बता रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि कानून के नजरिए से सहमति होने के बावजूद भी यह शादी वैध नहीं हो सकती।

कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक, यदि पहली पत्नी शिकायत करती है तो पुलिस मामले की जांच करेगी और अदालत में इसे साबित करने के बाद ही कोई फैसला आएगा। वहीं, अगर शिकायत दर्ज नहीं होती है, तो आमतौर पर पुलिस इसमें दखल नहीं देती।

अरमान मलिक के मामले ने सोशल मीडिया पर दो तरह की बहस खड़ी कर दी है — एक तरफ लोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और रिश्तों में सहमति को महत्व दे रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ लोग इसे कानून और सामाजिक व्यवस्था का उल्लंघन मान रहे हैं। फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, इसलिए कानूनी रूप से यह मामला आगे नहीं बढ़ा है।

इस घटना ने एक बार फिर समाज में विवाह, रिश्तों और कानूनी ढांचे को लेकर चर्चा छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों को भावनाओं और अफवाहों से अलग रखकर कानूनी तथ्यों के आधार पर समझना चाहिए।

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