US Halts Military Aid to Ukraine, Biden Questions Zelensky
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अमेरिका ने यूक्रेन की सैन्य मदद रोकी, राष्ट्रपति बाइडेन ने जेलेंस्की पर उठाए सवाल

ट्रंप से बहस के तीन दिन बाद बड़ा फैसला, बाइडेन बोले- जेलेंस्की शांति नहीं चाहते….

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वॉशिंगटन डीसी : अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य मदद पर रोक लगाने का फैसला किया है। यह ऐलान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किया, जिससे रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर वैश्विक राजनीति में हलचल मच गई है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब तीन दिन पहले बाइडेन की उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहस हुई थी, जिसमें यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हुई थी। इस फैसले के बाद यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि अब उसे अमेरिका से मिलने वाली महत्वपूर्ण हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं मिलेगी।

राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने बयान में कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की शांति नहीं चाहते और युद्ध को अनावश्यक रूप से खींच रहे हैं। बाइडेन के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में नई बहस छिड़ गई है। अमेरिका अब तक यूक्रेन को भारी मात्रा में सैन्य सहायता देता रहा है, लेकिन हाल के महीनों में वहां की जनता और कुछ राजनेता इस युद्ध में अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाने लगे थे। बाइडेन प्रशासन के इस कदम को आगामी अमेरिकी चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि ट्रंप पहले से ही यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद का विरोध कर चुके हैं।

यूक्रेन की सरकार ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यह फैसला न केवल यूक्रेन, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने अमेरिका और उसके सहयोगियों से अपील की कि वे इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और यूक्रेन को समर्थन देना जारी रखें। दूसरी ओर, रूस ने इस फैसले का स्वागत किया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका का यह कदम दिखाता है कि पश्चिमी देश अब समझ रहे हैं कि यूक्रेन को सैन्य मदद देना व्यर्थ है।

इस फैसले का असर यूरोपीय देशों पर भी पड़ सकता है, जो अब तक अमेरिका के साथ मिलकर यूक्रेन को समर्थन दे रहे थे। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि क्या अमेरिका अपने इस फैसले पर कायम रहता है या फिर अंतरराष्ट्रीय दबाव में इसे बदलता है। फिलहाल, यूक्रेन को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि युद्ध के इस मोड़ पर सैन्य मदद रुकने से उसकी स्थिति कमजोर हो सकती है।

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