अकाली दल आज नया पार्टी प्रधान चुनेगा
ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नाम पर सहमति संभव, चुनाव आयोग में असली-नकली अकाली दल विवाद जारी…..
शिरोमणि अकाली दल (SAD) की भर्ती कमेटी आज पार्टी के नए प्रधान का ऐलान करने जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पूर्व जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और उनके नेतृत्व में पार्टी को नया चेहरा देने की कोशिश की जाएगी। इस बैठक में सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे और अंतिम सहमति बनने के बाद आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
पार्टी में लंबे समय से नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा चल रही थी। मौजूदा राजनीतिक हालात और आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी नए नेतृत्व के जरिए अपने जनाधार को मजबूत करना चाहती है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह का नाम इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि वे धार्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में अपनी सक्रिय भूमिका के लिए जाने जाते हैं, और माना जा रहा है कि उनके आने से पार्टी की छवि को मजबूती मिलेगी।
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल में असली और नकली दल को लेकर विवाद भी जारी है। चुनाव आयोग में इस मामले पर सुनवाई चल रही है, जिसमें दोनों पक्ष अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं। एक गुट का कहना है कि वही असली अकाली दल है, जबकि दूसरा गुट अपने नेतृत्व को सही ठहरा रहा है। यह विवाद न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में असमंजस पैदा कर रहा है, बल्कि पंजाब की राजनीति में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
जानकारों का मानना है कि पार्टी के लिए यह समय बेहद निर्णायक है। अगर नया नेतृत्व समय रहते घोषित नहीं किया गया और अंदरूनी कलह खत्म नहीं हुई, तो इसका असर आगामी चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। इसलिए भर्ती कमेटी आज की बैठक को बेहद अहम मान रही है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, ज्ञानी हरप्रीत सिंह का नाम लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन कुछ वरिष्ठ नेता इस पर अभी भी विचार-विमर्श करना चाहते हैं। उनका मानना है कि नए प्रधान के चयन में सभी गुटों की सहमति होना जरूरी है, ताकि बाद में कोई विवाद न हो।
अगर ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पार्टी की कमान सौंपी जाती है, तो यह पहला मौका होगा जब धार्मिक पृष्ठभूमि से आने वाला कोई नेता सीधे अकाली दल के सर्वोच्च पद पर बैठेगा। समर्थकों को उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में पार्टी को फिर से मजबूती मिलेगी और पंजाब की राजनीति में उसकी पकड़ बढ़ेगी। अब सभी की निगाहें भर्ती कमेटी की बैठक और उसमें होने वाली अंतिम घोषणा पर टिकी हुई हैं।