अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में चंडीगढ़ में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित
चंडीगढ़: क्षेत्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान चंडीगढ़ में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 25 के उपलक्ष्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन का विषय था। विकसित भारत का निर्माण: सहकारिता के माध्यम से किसान सशक्तिकरण, विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का रूपांतरण।
मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री (सहकारिता मंत्रालय) कृष्णपाल गुर्जर ने सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण भारत के समग्र विकास के लिए सहकारी संगठनों की भूमिका को देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बताया।
हरियाणा सरकार के सहकारिता मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने राज्य में सहकारी संस्थाओं को मजबूत बनाने की विभिन्न पहलों की जानकारी दी। सम्मेलन में सिद्धार्थ जैन, संयुक्त सचिव, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ,अभिषेक कुमार, उप सचिव, सहकारिता मंत्रालय , कुमार कृष्णा, निदेशक, सहकारिता मंत्रालय, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, नाबार्ड के क्षेत्रीय महाप्रबंधकगण व सहकारी क्षेत्र के प्रमुख अधिकारी व शिक्षाविद ने शिरकत की।
सम्मेलन के दौरान “मेरी समिति मेरा प्लेटफॉर्म” का श्रीगणेश किया गया। इस पहल से सहकारी समितियों के डिजिटलीकरण, कौशल विकास और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा मिलेगा। संस्थान की शोध पत्रिका “सहकारिता अनुसंधान” का विमोचन किया गया। त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के अंतर्गत एआईसीटीई से अनुमोदित पीजीडीएम-एबीएम (एग्री बिजनेस मैनेजमेंट) कार्यक्रम*का भी शुभारंभ किया गया। समापन समारोह मे *वार्षिक रिपोर्ट “समवेत” और प्रशिक्षण कैलेंडर 2025-26 के विमोचन के साथ हुआ।
संस्थान के निदेशक डॉ. राजीव कुमार ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण में सहकारिता को माध्यम बनाने का आह्वान किया। (युद्धवीर सिंह की रिपोर्ट)
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