सतत और सुरक्षित वास्तुकला ही आने वाले समय में स्मार्ट सिटीज और विकसित राष्ट्र की नींव-प्रोफेसर नारायण
रेहन, (कांगड़ा -हि. प्र.) : बुधवार, 12 मार्च को राजकीय महिला बहुतकनीकी संस्थान, रेहन, जिला कांगड़ा (हि. प्र.) में आर्किटेक्चर असिस्टेंटशिप, सिविल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर इंजीनियरिंग संकाय के प्रशिक्षुओं के लिए विशेषज्ञ व्याख्यान (एक्सपर्ट लेक्चर) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, फगवाड़ा के प्रोफेसर,सचिव, FSAI चंडीगढ़ चैप्टर एवं IIA कपूरथला-होशियारपुर चैप्टर सबसेंटर के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. नागेंद्र नारायण को आमंत्रित किया गया।
प्रोफेसर डॉ. नागेंद्र नारायण ने ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन और फायर सेफ्टी विषयों पर दो सत्रों में व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि ग्रीन बिल्डिंग डिज़ाइन केवल एक अवधारणा नहीं, बल्कि भविष्य की आवश्यकता है। ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण, सतत निर्माण सामग्री और पर्यावरण अनुकूल तकनीकों के उपयोग से हम न केवल ऊर्जा की बचत कर सकते हैं, बल्कि स्वस्थ और सुरक्षित भवनों का निर्माण भी कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्राकृतिक संसाधनों के अधिकतम उपयोग और ऊर्जा कुशल संरचनाओं के निर्माण से पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जा सकता है।
फायर सेफ्टी इन बिल्डिंग पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षित भवन निर्माण और आधुनिक तकनीकों के समावेश से हम अग्नि दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं को बताया कि फायर सेफ्टी के आधुनिक उपायों, जैसे फायर-रेसिस्टेंट सामग्री, इमरजेंसी एग्जिट प्लानिंग, स्मोक डिटेक्शन सिस्टम और ऑटोमैटिक फायर सप्रेशन सिस्टम को अपनाकर जान-माल की रक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि सतत और सुरक्षित वास्तुकला ही आने वाले समय में स्मार्ट सिटीज और विकसित राष्ट्र की नींव होगी।
उन्होंने प्रशिक्षुओं को भविष्य में उपलब्ध होने वाले अवसरों के बारे में विस्तार से बताया और उनका मानसिक उत्साहवर्धन किया। सत्र के अंत में प्रशिक्षुओं के सवालों के उत्तर दिए गए और डॉ. नागेंद्र नारायण ने भविष्य में वास्तुकला प्रशिक्षण हेतु अपनी योजना में बहुतकनीकी संस्थान, रेहन को शामिल करने की इच्छा जताई।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ. सतीश कटवाल, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं सभी प्राध्यापकगण उपस्थित रहे।
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