वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में आज बड़ी सुनवाई
70 याचिकाएं दाखिल, कुछ में कानून को असंवैधानिक बताकर रद्द करने की मांग; CJI संजीव खन्ना की पीठ करेगी सुनवाई……
नई दिल्ली : वक्फ कानून को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई होने जा रही है, जो देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस कानून के खिलाफ अब तक कुल 70 याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें से 10 याचिकाओं को आज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है।
कई याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वक्फ अधिनियम 1995 संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है और इससे अन्य समुदायों के अधिकारों का हनन होता है। कुछ याचिकाओं में इसे “असमानता और पक्षपातपूर्ण” कानून बताया गया है। याचिकाकर्ताओं ने इस कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग करते हुए इसे रद्द करने की अपील की है।
यह मामला संवेदनशील इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि इसमें धार्मिक संपत्तियों, उनके स्वामित्व और प्रबंधन को लेकर सवाल उठाए गए हैं। याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि वक्फ बोर्डों को दी गई शक्तियां अत्यधिक हैं और इससे संपत्ति के वास्तविक मालिकों के अधिकार प्रभावित होते हैं।
विपक्षी दलों और कुछ सामाजिक संगठनों की ओर से दाखिल याचिकाओं में तर्क दिया गया है कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन करता है।
आज की सुनवाई के दौरान, अदालत यह तय करेगी कि इन याचिकाओं को संवैधानिक पीठ के सामने भेजा जाए या नहीं। यह सुनवाई देश के लिए न केवल कानूनी रूप से बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस मामले पर अदालत का निर्णय आने वाले समय में वक्फ बोर्ड, धार्मिक संपत्तियों और उनके अधिकारों से जुड़े कई पहलुओं को प्रभावित कर सकता है। सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन कानूनी और राजनीतिक हलकों में इसकी गूंज साफ सुनाई दे रही है।
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