मुंबई : मंगलवार को शेयर बाजार की शुरुआत नकारात्मक रुख के साथ हुई। बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान पर खुले जिससे निवेशकों के बीच शुरुआती सत्र में ही चिंता का माहौल बन गया। बीएसई सेंसेक्स 100.4 अंक की गिरावट के साथ 80,696.44 अंक पर खुला जबकि एनएसई निफ्टी 40.15 अंक फिसलकर 24,421 अंक पर पहुंच गया।
बाजार की यह सुस्ती घरेलू और वैश्विक संकेतों में अनिश्चितता के कारण देखने को मिली। निवेशकों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी मौद्रिक नीति को लेकर सतर्कता देखी जा रही है वहीं विदेशी संस्थागत निवेशक भी लगातार बिकवाली कर रहे हैं जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है।
टेक्नोलॉजी, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर के शेयरों में गिरावट ने बाजार को और नीचे धकेला जबकि फार्मा और एफएमसीजी शेयरों में थोड़ी स्थिरता देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में रिलायंस, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और टीसीएस जैसे दिग्गज शेयरों में कमजोरी देखी गई जो सेंसेक्स को नीचे लाने वाले प्रमुख कारक रहे।
जानकारों के अनुसार यह गिरावट अल्पकालिक है और निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। बाजार की दिशा इस हफ्ते आने वाले कॉरपोरेट नतीजों और वैश्विक संकेतों पर निर्भर करेगी। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए एक अच्छा मौका हो सकता है। हालांकि अल्पकालिक ट्रेडर्स को फिलहाल सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी कमजोर शुरुआत देखी गई जिससे यह साफ हो गया कि बाजार का व्यापक रुझान नकारात्मक बना हुआ है।
सरकार की आर्थिक नीतियों और बजट से पहले के संकेतों पर भी निवेशकों की नजर बनी हुई है। फिलहाल बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है और निवेशकों को सोच-समझकर ही सौदे करने की सलाह दी जा रही है।
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